चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य कारणों से 68 यात्रियों की मौत

उत्तराखंड चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। 30 अप्रैल से शुरू हुई चार धाम यात्रा में 29 दिन के अंदर अब तक 68 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इनमें 60 श्रद्धालुओं ने स्वास्थ्य खराब होने के कारण दम तोड़ा है। जबकि आठ श्रद्धालुओं की मौत अन्य-अन्य कारणों से हुई है। इन मौतें में 6 श्रद्धालुओं की मौत उत्तरकाशी के गंगनानी में हेलीकॉप्टर क्रैश के दौरान हुई थी।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के मुताबक केदारनाथ धाम में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। जबकि गंगोत्री धाम में अब तक 14 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। वही, बद्रीनाथ धाम में 12 श्रद्धालु जान गवा चुके हैं।

वहीं अगर यमुनोत्री धाम की बात की जाए तो यहां भी 12 श्रद्धालुओं ने ही स्वास्थ्य खराब होने से दम तोड़ दिया है। चारों धामों में इन सभी श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई है। जिन्हें हार्ट,सांस या फिर डायबिटीज संबंधित बीमारियां थी।

इस साल चार धाम यात्रा की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन 30 अप्रैल से हुई थी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खोले गए थे। जबकि 2 मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे। अंत में 4 मई को बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालु के लिए खोल दिए गए थे।

29 दिन के अंदर अब तक चारों धामों में 16,45,155 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या बाबा केदारनाथ धाम में है। यहां 6,25,837 श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे हैं। जबकि बद्रीनाथ धाम में 4,35,226 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
इसी तरह गंगोत्री धाम में 2,79,047 श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। यमुनोत्री धाम में 2,93,163 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। जबकि सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुले थे। जहां अब तक 9174 श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए पहुंचे हैं।

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