उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में पिछले 58 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है। इस बीच तेजी से घटे घटनाक्रम में देवस्थानम बोर्ड की ओर से पिछले साल के एक आदेश के बाद केदारनाथ धाम में तनातनी का माहौल है। दरअसल, बीते दिन पुलिस प्रशासन की ओर से केदारनाथ मंदिर परिसर में धरना प्रदर्शन न किए जाने की बात से तीर्थ पुरोहित काफी आक्रोशित हैं। उनका साफ तौर से कहना है कि पिछले साल के आदेश को आधार बनाकर केदारनाथ धाम में धरना प्रदर्शन रोकने का दबाव बनाया जा रहा है।
सरकार को चेतावनी दी है कि वह किसी दबाव में नहीं आएंगे तथा आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। इस घटनाक्रम के बाद आने वाले दिनों में चारों धामों में तनाव स्थिति बन सकती है। इधर, चारधाम महापंचायत ने मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल न किए जाने पर नाराजगी जताई है। वही, तीर्थ पुरोहितो का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हाईपावर कमेटी बनाई जाने की बात कही थी, लेकिन इस पर अभी कोई होमवर्क नहीं किया गया है। क्योकि सरकार इस दिशा में गंभीर दिखाई नही दे रही है।
17 अगस्त से राज्य स्तरीय आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियो ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 17 अगस्त से वह राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। जिसके तहत पहले चरण में चारों धामों समेत कई शहरों में धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद अगर राज्य सरकार फिर भी उनकी मांगों पर गौर नहीं करती है तो 16 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे।
मुख्यमंत्री ने अभी फ़िलहल बोर्ड और लगाई रोक
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन कानून से नाराज तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का स्टैंड एकदम साफ है। इस मामले में प्रदेश सरकार ने हाईपावर कमेटी बना दी है। यह कमेटी चारधाम से जुड़े सभी लोगों की बात सुनेगी। उनकी बातें सुनने के बाद हल निकालेंगे। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि तब तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की यथास्थिति रहेगी, उस पर रोक लगाई जा रही है।