उत्तराखंड चार धाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों के लिए सीमित संख्या की बाध्यता तय की गई थी जिसे चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था ऐसे में उत्तराखंड राज्य सरकार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर तय सीमित संख्या को बढ़ाने की मांग की थी।
जिसके बाद मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट में हुई सुनवाई पर नैनीताल हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए चार धाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों की तय सीमित संख्या को समाप्त कर दिया है। ऐसे में सभी यात्री चारधाम की यात्रा पर दर्शन करने आ सकेंगे।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रियों की संख्या बढ़ाने संबंधी मामले में सरकार को बड़ी राहत दी है। खंडपीठ ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रियों की सीमित संख्या के फैसले को बदलकर संख्या पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। पूर्व में न्यायालय ने चारधाम जाने वाले भक्तों/यात्रियों की संख्या को सीमित करते हुए प्रतिदिन केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री धाम में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी थी।
उच्च न्यायालय में सरकार के चीफ स्टैंडिंग काउंसिल(सी.एस.सी.)चंद्रशेखतलर सिंह रावत ने बताया कि उच्च न्यायालय ने श्रद्धालुओं को आर.टी.पी.सी.आर. नैगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य करने के साथ कोविड के सभी नियमो का पालन कराने के सरकार को निर्देश दिए है। न्यायालय के इस फैसले के बाद चारों धामों में जाने वाले यात्रियों की संख्या पर कोई रोक नहीं रहेगी ।