देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों की वजह से हर तरफ ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। हालांकि, राज्य सरकार से लेकर के अंतर्गत ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर तो व्यवस्थाएं कर रही हैं लेकिन धरातल पर आम लोगों को ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ रहा है। उत्तराखंड राज्य में ऑक्सीजन की कमी ना हो इसको लेकर राज्य सरकार लगातार ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले कंपनियों और उनके प्लांट के लोगों से लगातार बातचीत कर रही है। ताकि समय पर अस्पतालों में भर्ती मरीजों और जरूरत मंदो को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सके।
इसी क्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज सेलाकुई इंडस्ट्रियल एरिया स्थित लिंडे ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया में ऑक्सीजन उत्पादन में आ रही हो दिक्कतों के समाधान का भी भरोसा दिया।
इस मौके पर ऑक्सीजन प्लांट के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि इंडस्ट्रियल एरिया में विद्युत आपूर्ति प्रॉपर ना होने के कारण कई बार उनका उत्पादन प्रभावित हो जाता है। इस समस्या के निदान के लिए प्रयास भी किए गए, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। इसके अलावा उन्होंने इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क के सुधारीकरण की भी मांग उठाई। इस मौके पर लिंडे के पदाधिकारियों ने पहाड़ी क्षेत्रों में मिनी ऑक्सीजन प्लांट लगाने का भी सुझाव दिया।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति की समस्या जल्द हल करा दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने मौके से ही शासन के उच्च अधिकारियों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की हर समस्या का निदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की बहुत आवश्यकता है, ऐसे में ऑक्सीजन प्लांट कंपनियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कहीं कमी नहीं होनी चाहिए, इस बात का खासतौर पर ध्यान रखा जाए। संकट की इस घड़ी में सबकी जिम्मेदारी है कि वह एक दूसरे की मदद करें और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी गंभीरता के साथ निर्वहन करें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने ऑक्सीजन कंपनी में काम कर रहे हैं मजदूरों को भी उनके सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहां की प्राण वायु का उत्पादन करने वाले मजदूर किसी की जिंदगी बचाने का काम करते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री ने सेलाकुई मैं प्रस्तावित कोविड केयर सेंटर का भी निरीक्षण किया। और व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए।