उत्तराखंड में मतदान हो चुका है लेकिन अभी चुनाव परिणामों को लेकर सभी राजनीतिक दलों की धड़कने बढ़ी हुई है। चुनाव परिणाम से पहले ही राजनीतिक दल गठजोड़ में अभी से लग गये हैं तो वहीं इसी के चलते सीएम धामी ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात की। एक तरह से चुनावों में काफी हद तक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को साइड लाइन रखने वाली भाजपा को आज एक बार फिर से अपने बड़े और अनुभवी नेता त्रिवेंद्र रावत की याद आई है। रविवार शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी त्रिवेंद्र रावत से मुलाकात करने पहुंचे।
सीएम धामी देर रात तक त्रिवेंद्र रावत के आवास पर रुके। इस दौरान घंटों तक सीएम धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से कई अलग अलग विषयों पर चर्चा की। उत्तराखंड में आगामी 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने हैं तो वहीं चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार का गठन होना है और भाजपा की अगर ज्यादा सीटें आती है तो एसे दल का नेता चुनना भी एक टेडी खीर है। भाजपा में इसको लेकर काम शुरु हो गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन्ही सब मुद्दो को लेकर सीएम धामी बताया जा रहा है कि अभी से सारे नेताओं को साधने में जुट गये हैं।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का अपना एक अलग औदा रखते हैं और उनके कई करीबी इस वक्त चुनाव लड़ रहे हैं और उनके जीत के आने भी की भी उम्मीद है। ऐसे में जीत के आने वाले यह सदस्य नेता सदन के रूप में किस का समर्थन करेंगे यह बेहद अहम है तो वही इन्हीं सब कयासबाजियों के बीच सीएम धामी अभी से अपनी फील्डिंग बिछानी तेज कर दी है। वही इसके अलावा एक और विषय पर भी सीएम धामी और त्रिवेंद्र रावत की मुलाकात के दौरान चर्चा हुई जो कि मौजूदा समय में उत्तराखंड में हो रही भाजपा की किरकिरी को लेकर है।
दरअसल, मतदान के बाद से ही प्रदेश में माहौल भाजपा के खिलाफ बन रहा है और इसमें सबसे बड़ी भूमिका भाजपा के ही नेताओं की है। चुनाव लड़ रहे अपने ही प्रत्याशियों द्वारा आए दिन पार्टी के खिलाफ असहज करने वाले बयान आ रहे हैं। ऐसे में सीएम धामी ने अपने अनुभवी नेता त्रिवेंद्र रावत से इस बात पर भी चर्चा की कि कहां पर कमी रह गई है और किस तरह से इन हालातों से निपटा जा सकता है।