आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 59 विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। जिसके बाद से ही भाजपा के तमाम नेताओ ने पार्टी के खिलाफ अपने बग़ावती तेवर बुलंद कर दिए है। इसी क्रम में उत्तराखंड के काशीपुर में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बागी तेवर नजर आ रहे हैं। पार्टी की ओर से सिटिंग विधायक हरभजन सिंह चीमा के बेटे त्रिलोक सिंह चीमा को टिकट दिए जाने से यहां पार्टी के अन्य लोग नाराज हो गए हैं। वर्तमान मेयर उषा चौधरी समेत करीब 400 कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
पार्षद गुरविंद सिंह चण्डोक ने बताया कि दावेदारों की बैठक में भाजपा की गलत नीतियों के विरोध में काशीपुर विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी थी। राम मेहरोत्रा, आशीष गुप्ता, गुरविंदर सिंह चण्डोक समेत तमाम ऐसे पदाधिकारी रहे जिन्होंने जीवन का तमाम समय भाजपा को समर्पित कर दिया। लेकिन इन सभी की दावेदारी को पार्टी ने नकार दिया और विधायक चीमा के पुत्र को प्रत्याशी घोषित कर दिया।
दरअसल, विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपने पुत्र को सत्तासीन करने के लिए चुनावों की तारीख घोषित होने से कुछ दिन पूर्व ही पार्टी में शामिल कराया था। इसके बाद वह अपने पुत्र भाजपा से टिकट दिलवाने में भी कामयाब हो गए। भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को चीमा का यह कारनामा नगावार लगा इसलिए उन्होंने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी को लेकर भाजपा के तमाम दावेदारों व पदाधिकारियों की आवश्यक बैठक आहूत की गई। बैठक में राय शुमारी के बाद तय किया गया कि यदि पार्टी नीतियों में तब्दीली नहीं करती तो वह अपने-अपने पदों से इस्तीफा देंगे। अंततः पार्टी के तमाम पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। भाजपा के अंर्तकलह ने साफ कर दिया है कि भाजपा के लिए अब काशीपुर सीट पर खतरा बढ़ गया है।