उत्तराखंड राज्य में अगले साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के दलबदल का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। जहां बीते दिन दो निर्दलीय और एक कांग्रेसी विधायक भाजपा में शामिल हुए थे तो वही सोमवार को भाजपा के एक कैबिनेट मंत्री और एक विधायक कांग्रेस में शामिल होकर घर वापसी की है। जिससे, उत्तराखंड में राजनीतिक पार्टियां फिलहाल दलबदल की संभावनाओं से चिंता में दिखाई दे रही हैं।
क्योकि, धामी सरकार में मंत्री यशपाल आर्य और विधायक संजीव आर्य के भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब चर्चा इस बात को लेकर है कि पार्टियों में अगली कमजोर कड़ी कौन सी हैं। जिसके घर वापसी या फिर कांग्रेस में शामिल हो सकते है। हालांकि, अब भी भाजपा में ऐसे कई चेहरे हैं, जो पार्टी से नाराज रहे हैं और उनका नाम पार्टी छोड़ने वालों में शुमार हो रहा है। उधर, कांग्रेस में भी कुछ चेहरे पिछले दिनों दलबदल की संभावनाओं को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। ऐसे में अब कौन सा नेता दल बदल करने जा रहे हैं इसकी स्थिति स्पष्ट नहीं है लेकिन अटकले लगाई जा रही हैं कि कुछ नेता अपनी पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
प्रदेश में अबतक कांग्रेस पर हावी रहने वाली बीजेपी अब बैकफुट पर दिखाई दे रही है। ऐसा दिल्ली में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे विधायक संजीव आर्य के पार्टी छोड़ने के बाद महसूस किया जा रहा है। स्थिति यह है कि यशपाल आर्य और संजीव आर्य के पार्टी छोड़ते ही कुछ दूसरे चेहरों के भी भाजपा से मोहभंग होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा के कुछ और बड़े चेहरे जल्द ही पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जानिए कौन से हैं वह चेहरे जो भाजपा की सबसे कमजोर कड़ियों में गिने जा रहे हैं।