द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि कल महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओमकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग, मन्दिर समिति के पदाधिकारियों, विद्वान आचार्यों व हक-हकूकधारियो की मौजूदगी में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी। मन्दिर समिति द्वारा कपाट खोलने की तिथि घोषित होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं तथा भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओमकारेश्वर मन्दिर को आठ कुंतल फूलों से सजाया गया है।
वहीं, शिवरात्रि से पहले केदारनाथ मंदिर का श्रृंगार बर्फ ने किया है। धाम में पांच फीट तक बर्फ पड़ी है। केदारनाथ धाम में चारो और सिर्फ बर्फ ही बर्फ है। बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि घोषित होगी। इसको लेकर कोविड-19 की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जायेगा तथा भक्तों द्वारा सोशल दूरी के तहत पूजा-अर्चना, जलाभिषेक, कीर्तन भजन किये जायेंगे। इस अवसर पर दिल्ली के भक्तों की ओर से विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया जायेगा। प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने तथा पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी
कपाट खोलने की तिथि घोषित होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। साथ ही बताया कि मंदिर को लगभग आठ कुन्तल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद यात्रा पर विराम लग गया था। इसलिए इस वर्ष स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और व्यापारियों में भारी उत्साह बना हुआ है। महाशिवरात्रि पर्व पर केदारनाथ, मदमहेश्वर, विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी तथा आंेकारेश्वर मन्दिर में प्रधान पुजारियों की तैनाती भी की जायेगी।