उत्तराखंड चार धाम की यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं ने एतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज किया है। दरअसल, पिछले साल की तुलना में इस साल 50 लाख से अधिक श्रद्धालु अभी तक चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। तो वहीं, अभी भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगातार जारी है। ऐसे में अब चार धाम यात्रा अपने अंतिम पड़ाव में है क्योंकि चारों धामों के कपाट अगले 20 से 22 दोनों में शीतकाल के दौरान बंद कर दिए जाएंगे। जिसके तिथियां का भी ऐलान कर दिया गया है।
बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 03:33 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मगंलवार को विजयदशमी के अवसर पर बदरीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित एक समारोह में धर्माचार्यों, तीर्थ पुरोहितों व हक – हकूकधारियों की उपस्थिति में पंचांग गणना के बाद कपाट बंद होने की तिथि निर्धारित की गई। इस समारोह का साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु धाम में उपस्थित थे। आपको बता दे कि बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे।
यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर बुधवार को भाई दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद होंगे, दशहरा के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त तय किया गया। मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशाली गांव स्थित मंदिर परिसर में यमुनोत्री मंदिर समिति और पुरोहित समाज की बैठक में मुहूर्त निकाला गया, यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर बुधवार को भाई दूज के पावन पर्व पर 11 बजकर 57 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त (मकर लग्न) में विशेष पूजा अर्चना के बाद छह माह के लिए बंद किए जाएंगे।
इसी क्रम में बाबा केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट 15 नवंबर को (भैयादूज पर्व) वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
हालांकि, गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त शारदीय नवरात्र के पहले दिन तय किया गया था। गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए 14 नवंबर को अन्नकूट के पावन पर्व पर अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे।