पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भाजपा संगठन ने अगले 6 सालों के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं, उससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से निष्कासित कर दिया था ऐसे में हरक सिंह रावत अब कांग्रेस में शामिल होने की जुगत में जुटे हुए हैं। दरअसल लंबे समय से चर्चा चल रही थी कि कभी भी हरक सिंह रावत कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं जिस से पहले ही भाजपा संगठन ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए हरक सिंह रावत को पैदल कर दिया।
हरक सिंह रावत को भाजपा संगठन से बर्खास्त हुए 48 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी पार्टी से जॉइनिंग पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। फिलहाल चर्चा यही है कि वह कभी भी कांग्रेस में घर वापसी कर सकते हैं। कांग्रेस में घर वापसी करने से पहले ही उत्तराखंड कांग्रेस में विरोध शुरू हो गया है। जहां एक और केदारनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक मनोज रावत ने हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वहीं कांग्रेस भवन में भी तमाम कांग्रेसी नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थन में नारे लगाते हुए हरक सिंह रावत का विरोध जताया है।
कांग्रेस भवन में नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें दल बदलू नेताओं की जरूरत नहीं है। क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर हरक सिंह रावत कांग्रेस में घर वापसी करते हैं तो ऐसे में न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बल्कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को भी नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे। यह नई कार्यकर्ताओं ने कहा कि हरक सिंह रावत इन दोनों बड़े नेताओं को हराकर खुद मुख्यमंत्री का दावेदारी ठोकेंगे। ऐसे में जिस नेता ने लोकतंत्र की हत्या की है उस नेता को कांग्रेस में शामिल होने नहीं दिया जाएगा।
गौर की कुछ महीनों पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य ने भी कांग्रेस में घर वापसी की थी जिस पर भी इन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें किसी भी दल बदलू नेताओं की जरूरत नहीं है लिहाजा वह कांग्रेस आलाकमान से मांग करते हैं कि इन दल बदलू नेताओं को पार्टी में शामिल ना किया जाए। क्योंकि, इससे पार्टी को नुकसान पहुंचेगा हालांकि, यह सभी दलबदलू नेता सिर्फ और सिर्फ पद की लालच में ही कांग्रेसमें घर वापसी कर रहे हैं।