उत्तराखंड सरकार के लिए इन दिनों देवस्थानम बोर्ड गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। सरकार इस मामले से जीतना बचने की कोशिश कर रही है उतनी ही घिरती हुई नजर आ रही है। मुख्यमंत्री धामी देवस्थानम बोर्ड पर जल्द निर्णय होने की बात कह रहे हैं। तो वही, दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ राजधानी देहरादून में अपनी आक्रोश रैली निकाल कर काला दिवस मना कर विरोध प्रकट करें।
राजधानी देहरादून में इन दिनों सियासी माहौल कुछ ज्यादा ही गर्म नजर आ रहा है। एक तरफ जहां सरकार पीएम मोदी के दौरे को सफल बनाने में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के आज देवस्थानम बोर्ड एक बार फिर गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है। देवस्थानम बोर्ड पर जहां सरकार कुछ और समय लेकर उचित निर्णय लेने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहित पंडा समाज का सब्र जवाब दे चुका है। और उनके द्वारा आयोजित देहरादून की सड़कों पर सरकार के खिलाफ आक्रोश रैली निकालने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों में देवस्थानम बोर्ड को लेकर संजीदगी के साथ मीडिया से मुखातिब हो रहे हैं। मुख्यमंत्री को पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड की हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट पर मंत्रिमंडल की उपसमिति अपना अध्ययन करेगी और उसके बाद सरकार अपना निर्णय लेगी। देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर ही रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ अब विपक्षी दल की सरकार को घेरने में जुट गए हैं। विपक्षी दल जहां एक तरफ तीर्थ पुरोहितों को अपना समर्थन दे रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार पर दबाव बनाकर तीर्थ पुरोहितों के हक में निर्णय लेने की बात कर रहे हैं ।
देवस्थानम बोर्ड को बने हुए 2 साल का समय बीत चुका है लेकिन इन 2 सालों में कभी भी भाजपा सरकार तीर्थ पुरोहितों को देवेस्थानम बोर्ड के पक्ष में मना नहीं पायी है। और आप जब चुनावी समय आ रहा है तो सरकार इस मामले पर हाई पावर कमेटी बनाकर तीर्थ पुरोहितों के आक्रोश को शांत करने का काम कर रही है। लेकिन जिस प्रकार से तीर्थ पुरोहित आक्रोशित नजर आ रहे हैं उससे सरकार के लिए चुनाव में भी ये देवस्थानम बोर्ड गले की फांस बनेगा और फिर शायद सरकार के लिए जनता के सामने इस मामले में जवाब देना मुश्किल भरा हो सकता है।