गणतंत्र दिवस पर सजा माफ होने के बावजूद अभी भी 175 कैदी विभिन्न जेलों में सजा काट रहे हैं। और अपनी रिहाई का 26 जनवरी 2022 से इंतजार कर रहे हैं। तो वहीं, अब इन सभी 175 कैदियों का इंतजार खत्म हो गया है क्योंकि इनके रिहाई के लिए प्रमुख सचिव गृह आरके सुधांशु ने आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, 26 जनवरी को इन सभी कैदियों को रिहा किया जाना था जिसके लिए राज्यपाल ने अपनी संसृति भी दे दी थी। लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के चलते इन्हें रिहा नही किया गया।
जिसके बाद शासन ने इन कैदियों के रिहाई के आदेश जारी करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति भी मांगी थी। लेकिन अनुमति ना मिलने की वजह से इन कैदियों को रिहा नही किया गया। लेकिन अब इन सभी 175 कैदियों को रिहा किये जाने का आदेश जारी कर दिया गया है। जारी किए गए आदेश के अनुसार उत्तराखंड राज्य के 6 जेलों और उत्तरप्रदेश की दो जेलों में बंद 175 कैदियों की रिहायी की जानी है।
आपको बता दे कि प्रदेश में हर साल स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के अवसर पर कैदियों की रिहाई की जाती है। हालांकि, वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर कैदियों की रिहाई नहीं हो पाई थी। शासन द्वारा बीते वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजभवन को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन राजभवन ने कैदियों की सजा केवल कुछ सीमा तक घटाने के प्रस्ताव को ही मंजूरी दी थी। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भी कैदियों की रिहाई की पत्रावली स्वीकृत नहीं हो पाई थी। इसका एक कारण इस अवधि में राज्यपाल के पद पर परिवर्तन होना भी रहा। वर्ष 2022 में शासन ने कैदियों की रिहाई को लेकर गठित समिति की संस्तुति के बाद 208 कैदियों की सूची जनवरी के पहले सप्ताह राजभवन को भेजी थी।
राजभवन ने इसका विस्तृत अध्ययन करने के बाद गत 24 जनवरी को 175 कैदियों को रिहा करने की अनुमति जारी कर दी। इनमें सात कैदी 40 वर्ष और 26 कैदी 30 वर्षों से अधिक समय से सजा काट रहे हैं। जिन कैदियों को रिहा करने की अनुमति दी गई, उनमें जिला कारागार देहरादून से 23 कैदी, संपूर्णानंद शिविर सितारगंज (उधमसिंह नगर) जेल से 29 कैदी, जिला कारागार हरिद्वार से 64 कैदी, केंद्रीय कारागार सितारगंज (उधमसिंह नगर) से 53 कैदी, जिला कारागार पौड़ी से 1 कैदी, जिला कारागार चमोली से 1 कैदी, जिला कारागार बरेली उत्तर प्रदेश से 2 कैदी के साथ ही केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ उत्तर प्रदेश से 2 कैदी को रिहा किया जाएगा।