उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद डी.पी. यादव को बड़ी राहत देते हुए बा- इज्जत बरी कर दिया है। न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नही होने के कारण उन्हें ये राहत दी है। उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद डीपी यादव सहित तीन अन्य द्वारा गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या करने के आरोप में देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नही पाया। इसके बाद न्यायालय ने उन्हें बा-इज्जत बरी कर दिया है। डीपी यादव अभी अतंरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं। न्यायालय ने इस हत्याकांड के अन्य आरोपियों की अपीलों में निर्णय को सुरक्षित रखा है।
मामले के अनुसार 13 सितम्बर 1992 को गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या का आरोप डीपी यादव, प्रणीत भाटी, करन यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पर लगा था। यूपी में मामला प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए उत्तराखंड ट्रांसफर हो गया था। पंद्रह फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस आदेश को चारों अभियुक्तों ने नैनीताल उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान डीपी यादव को बाइज्जत बरी कर दिया गया है।