सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कोऑपरेटिव बैंकों में राष्ट्रीयकृति बैंकों के कर्मचारी और अधिकारियों की भांति वेतन और अन्य सुविधाएं देने के साथ ही को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाने, बैंकों में सभी कर्मचारियों का ड्रेस कोड लागू करने के लिए आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
सहकारिता मंत्री डॉ. रावत आज शुक्रवार को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना निदेशालय के सभागार में श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत खिर्सू, पाबौं, थलीसैंण, और बीरोंखाल ब्लॉक (आंशिक) की सहकारिता की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। सचिव श्री पुरुषोत्तम ने बताया कि राज्य सहकारी बैंक ट्रांसफर पॉलिसी का सॉफ्टवेयर डेवलप कर रहा है, जिससे ट्रांसफर, पोस्टिंग में आसानी होगी।
मंत्री डॉ रावत ने कहा कि, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना, शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण के अलावा हॉउस ऋण, वाहन ऋण, अन्य ऋण बैंक अधिकारी बांटने में गति लाएं। उसमें शिथिलता प्रदान की जाए। पिछली बार यहां 82 करोड़ रुपए ऋण बांटा गया था, इस बार 200 करोड़ रुपए ऋण बाँटने का लक्ष्य रखा जाए। सहकारिता मंत्री डॉ धन रावत ने कहा है कि, को-ऑपरेटिव बैंक और सहकारी समितियों के सभी कर्मचारी आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी बनाएंगे और ब्लड डोनेट करने के लिए आई रक्त पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करेंगे।
डॉ रावत ने कहा है कि, निक्षय मित्र बनाने के अभियान में प्रदेश में सहकारिता विभाग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग, सचिव डॉक्टर वीबीआरसी पुरुषोत्तम और रजिस्टर को-ऑपरेटिव श्री आलोक कुमार पांडेय को सम्मानित करेगा। मंत्री डॉ रावत ने वीर माधो सिंह भंडारी संयुक्त सहकारी खेती के बारे में भी प्रगति लेते हुए कहा है कि, ग्रामीणों के लिए यह खेती वरदान साबित हो सकती है। परियोजना के नोडल अधिकारी श्री आनंद शुक्ल ने बताया है कि, तीन ब्लॉक में वीर माधो सिंह भंडारी संयुक्त सहकारी खेती के अंतर्गत सब्जियां, कीवी, सेब, आडू, संतरा का उत्पादन किया जा रहा है और इन तीनों ब्लॉक से 21 एकड़ जमीन खेती के लिए परियोजना को प्राप्त हो गई है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी विकास खण्डों में न्याय पंचायत स्तर पर जो सहकारी समितियां के भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में हैं, उन्हें तत्काल बनाया जाए। इसके लिए मंत्री ने एक करोड़ रुपये मंजूर किए। उन्होंने कहा कि विधानसभा के अंतर्गत जो खाली विद्यालय भवन है, वहां सहकारी समितियों को चलाने के लिए प्रस्ताव भेजें।