उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राज्य में आपदा आना आम बात है। हालांकि, मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में आपदा जैसे हालात बनते रहते हैं ऐसे में उत्तराखंड राज्य में 15 जून को दस्तक दे रही मानसून सीजन से पहले ही राज्य सरकार अपनी व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुट गई है। इसी क्रम में राज्य सरकार, आपदा, आपात स्थिति व वीआइपी यात्रा के दृष्टिगत एक और डबल इंजन हेलीकाप्टर लेने की तैयारी है।
इसके लिए उत्तराखंड नागरिक विकास प्राधिकरण (यूकाडा) ने हेली कंपनियों से निविदा आमंत्रित की हैं। पूरे साल के लिए यह हेलीकाप्टर को किराये पर लिया जाएगा। प्रदेश में अभी अपना एक स्टेट प्लेन और एक हेलीकाप्टर है। इन दोनों की खरीद राज्य गठन के बाद वर्ष 2005 से पहले हुई थी। तकरीबन 17 साल से ये दोनों अनवरत कार्य कर रहे हैं। यह जरूर है कि बीच-बीच में इनमें तकनीकी खामी आ रही है। जिस कारण कई बार आपात स्थिति में निजी कंपनियों से हेलीकाप्टर लेना पड़ता है। इसका खर्च काफी अधिक आता है। साथ ही कई बार वीवीआइपी मूवमेंट के दौरान भी हेलीकाप्टर की कमी देखी गई है।
हालांकि, केंद्र के नियमानुसार प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य केवल डबल इंजन हेलीकाप्टर में ही यात्रा कर सकते हैं। इनकी सुरक्षा को देखते हुए इन्हें सिंगल इंजन हेलीकाप्टर में सफर करने की मंजूरी नहीं है। यह बात अलग है कि आपात स्थिति में मंत्री इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे देखते हुए वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने नया डबल इंजन हेलीकाप्टर खरीदने की योजना बनाई थी। इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया लेकिन मंजूरी नहीं मिली। प्रदेश में हर साल मानसून के दौरान भी सरकार आपदा व आपात स्थिति से निपटने के लिए दो सिंगल इंजन हेलीकाप्टर किराये पर लेती है। इसका खर्च भी काफी अधिक आता है।
इन सब स्थितियों को देखते हुए पूरे वर्ष भर के लिए डबल इंजन हेलीकाप्टर किराये पर लेने की योजना बनाई जा रही है। इसका इस्तेमाल आपदा राहत बचाव कार्यों व वीआइपी मूवमेंट के लिए किया जाएगा। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर ने कहा कि डबल इंजन हेलीकाप्टर की तैनाती कें लिए टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं। आपदा व आपात स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में इसका उपयोग किया जाएगा।