उत्तराखंड राज्य में नौकरशाही के हावी होने के तमाम मामले समय-समय पर देखे जाते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि विकास कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ता है। हालांकि, राज्य सरकार, नौकरशाही के हावी होने के सवालों को तो नकारती नजर आती है, लेकिन तमाम मंत्री ऐसे हैं जो नौकरशाही के हावी होने को लेकर अपना दर्द कई मर्तबा बयां कर चुके हैं। इसी क्रम में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने नौकरशाही के हावी होने के मामले को लेकर राज सभा सांसद अनिल बलूनी से अपना दर्द बयां किया। जिसमें हरक सिंह रावत ने आज बलूनी से कहा कि नौकरशाही के काम न करने की वजह से बॉर्डर्स क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क टावर नहीं लग पा रहे हैं।
उत्तराखंड में अक्सर नौकरशाही पर विकास कार्यों को सुस्त गति से करने और ठप करने के आरोप लगते रहे हैं। जिसके बाद अब उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने भी उत्तराखंड के ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सांसद बलूनी का कहना है कि ऐसे अफसर जो विकास कार्यों की गति को रोकते हैं या धीमा काम करते हैं। तो ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बलूनी ने कहा कि जनहित के कार्यों के लिए विकास कार्य तेजी से होने चाहिए।
दरअसल, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्किंग को लेकर अनिल बलूनी पिछले 1 साल से कार्यरत हैं, लेकिन वन विभाग की सुस्त गति के चलते यहां पर अभी तक मोबाइल नेटवर्क सुचारू नहीं हो पाया है। जिस पर अब सांसद अनिल बलूनी नौकरशाही से नाराज हो गए। साथ ही वन मंत्री से कहा कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित किया जाए और उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। यही नही, सांसद अनिल बलूनी ने सीधे तौर पर कहा है कि उत्तराखंड में ऐसे अफसर बर्दाश्त नहीं किए जा सकते। जो विकास योजनाओं को सुस्त गति से करते हैं ऐसे अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा।