उत्तराखंड राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां जोरों शोरों से देखी जा रही है। यही नहीं चुनाव से पहले तमाम नेताओं के दल बदल की चर्चाएं भी जोरो शोरो पर है। इसी बीच आज सुबह से ही लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं काफी खूब सुर्खियां बटोर रही है। लेकिन अचानक भाजपा कार्यालय में पहुंचे दिलीप रावत ने सभी अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह घोर हिंदुत्ववादी नेता है ऐसे में उनका किसी अन्य दल में जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यही नहीं, दिलीप ने कहा कि अफवाह फैलाने में जिसे लाभ मिल रहा है वही लोग अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं।
दरअसल, चर्चाएं इस बात की थी कि आज दिल्ली में भाजपा विधायक दिलीप रावत कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। आज दिल्ली में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक भी है जिसमें कांग्रेस के तमाम नेता दिल्ली में ही मौजूद रहेंगे। जिसके चलते इन चर्चाओं को और अधिक बल मिला। लेकिन भाजपा कार्यालय पहुंचकर लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। दिलीप रावत ने कहा कि वह भाजपा से एक कर्मठ कार्यकर्ता है और वह भाजपा में ही रहेंगे। लिहाजा भाजपा उन्हें जो दायित्व देगी वह उसका निर्वाह करने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही कहा कि जहां हम बीज बोते हैं फसल वहीं से काटी जाती है।
सूत्रों के मुताबिक मिल रही जानकारी के अनुसार बीजेपी लैंसडाउन से हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति रावत को चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है। हरक सिंह रावत को इसकी जानकारी भी दी जा चुकी है। ऐसे में दिलीप रावत भाजपा के इस फैसले की भनक लगने के बाद से खासे नाराज हैं। लेकिन दिलीप रावत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा ने उन्हें दो बार विधायक बनने का मौका दिया ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि एक बार फिर उन्हें विधायक बनने का मौका देगी लेकिन अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो उन्हें इस बात का कोई अफसोस नहीं होगा।