देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार ने यह पहले ही निर्णय ले लिया था कि उत्तराखंड मौजूद चारों धामों के कपाट तो तय समय पर खोले जाएंगे। लेकिन चारधाम यात्रा आम श्रद्धालुओं के लिए नहीं शुरू की जाएगी। जिसके आज आदेश भी जारी हो गए हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड चारों धामों के कपाट खोले जाने को लेकर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है। जिसके तहत चारधाम के कपाट खोले जाएंगे।
गौरतलब है कि गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाता है। लेकिन पिछले साल भी कोरोना के चलते यात्रा कुछ ही दिन चली थी। और इस बार भी तय समय पर कपाट तो खुलेंगे, लेकिन यात्रियों और श्रद्धालुओं को यहां आने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त शशर्त, तीर्थ पुरोहित और पुजारी ही धामों में नियमित पूजा करेंगे। हालांकि, जारी किए गए आदेश के अनुसार कोविड-19 के दूसरे लहर के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लोगो के स्वास्थ्य की चिंता है।
जिसे देखते हुए उत्तराखण्ड स्थित चारधाम की यात्रा आम श्रद्धालुओं के लिए अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दी गयी है। लेकिन चारों देवस्थानम् अपनी पूर्व परम्परानुसार निर्धारित तिथि और समय पर खोले जायेंगें। इसके साथ ही परम्परानुसार सामान्यतः पूजायें सांकेतिक रूप से गतिमान रहेंगी। यही नही, इन देवस्थानमों में पूजा करने के लिए रावल, नायब रावल, पुजारीगण, पण्डा पुरोहित, स्थानीय हक-हकूकधारी एवं बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी ही अनुमन्य होंगें।
आपको बता दे कि इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को सुबह 4:15 बजे, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को सुबह 5:00 बजे, गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को सुबह 7:31 तथा यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन यानी 14 मई को 12:15 बजे खुल रहे है। जबकि द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट 24 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ तथा चतुर्थकेदार रूद्रनाथ के कपाट 17 मई को खुल जायेंगे।
चार धामों के लिए गाइडलाइन जारी……..
- चारों धामों के कपाट खुलने के बाद चारो धाम सुबह 7 बजे से सायं 7 बजे तक ही खुले रहेंगें।
- प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सेनेटाईजर का प्रयोग किया जायेगा एवं थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से भी जांच की जायेगी। जिन व्यक्ति विशेषों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा केवल उन्हें ही देवस्थान परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
- सभी प्रवेश करने वाले व्यक्ति विशेषों को फेस कवर (मास्क) का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।
- जूते-चप्पलों को अपेक्षित स्थान पर ही रखना आवश्यक होगा।
- देवस्थानम् परिसर के अन्दर एवं बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का कढ़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
- देवस्थानम् गर्भ गृह में केवल रावल, पुजारी एवं सम्बन्धितों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। लाईन में लगने की स्थिति में व्यक्तियों को एक दूसरे से कम से कम 6 फीट की शारिरिक दूर रखनी होगी।
- बैठने के स्थानों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानक अनुसार व्यवस्थित किया जाना आवश्यक होगा।
- मूर्तियों, घण्टियों, प्रतिरूपों, ग्रन्थों / पुस्तकों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी।
- देवस्थानम परिसर में किसी भी प्रकार का प्रसाद वितरण टीका लगाने आदि की अनुमति नहीं होगी।
- भोग आदि वितरण के समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
- देवस्थान के अन्दर परिसर की लगातार सफाई एवं कीटाणु रहित सैनेटाईजर करना आवश्यक होगा।
- देवस्थानम् परिसर फर्श की विशेष रूप से समय अन्तरालों में सफाई करनी होगी।
- मन्दिर के अन्दर एक ही मैट, दरी, चादर के प्रयोग से पूर्णतः बचना होगा ।
- कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम हेतु समय- समय शासन / प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।