उत्तराखंड में हरक सिंह रावत और हरीश रावत की जुबानी जंग पर आखिरकार पूर्ण विराम लग गया है। दरअसल, हरक सिंह रावत ने खुद हरीश रावत से माफी मांग कर पिछले कई दिनों से चल रही इस लड़ाई को समाप्त करने के संकेत दिए हैं। हालांकि, माफी मांगने के साथ ही कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने यह माफी कांग्रेस में आने के लिए नहीं मांगी है। बल्कि हरीश रावत की उम्र उनसे बड़ी है, लिहाजा वो बड़े भाई होने के नाते हरीश रावत को सम्मान दे रहे हैं। हरक सिंह रावत के इस बयान के बाद ही राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
प्रदेश में हरीश रावत और हरक सिंह रावत की आपसी तकरार अब खत्म होती दिखाई दे रही है। दरअसल, हरक सिंह रावत के तेवर अब नरम पड़ चुके हैं। इन हल्के तेवरों के चलते भविष्य में इन दोनों नेताओं की जुबानी जंग पर कुछ समय तक रोक लगने की उम्मीद है। हरक सिंह रावत ने शुक्रवार को हरीश रावत के लिए दोनों हाथ जोड़कर उनके चरणों में नत मस्तक होने की बात कह दी। हरक सिंह रावत ने कहा वह हरीश रावत को बड़ा भाई मानते हैं। वे दोनों हाथ जोड़कर उनके सामने नत मस्तक हैं। हरीश रावत और उनको कुछ भी कहेंगे तो वह उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
बता दें कि हरीश रावत ने हरक सिंह को कभी महापापी कहा तो कभी गुनहगार। ऐसे में हरक सिंह रावत की तरफ से भी उन पर प्रतिक्रिया दी गई। अब लगता है कि हरक सिंह रावत इस बयानबाजी से या तो थक गए हैं या वे हरीश रावत से बैर लेकर कांग्रेस में वापसी की राह बंद नहीं करना चाहते, जिसके कारण उन्होंने माफी मांगी है। हरीश रावत और हरक सिंह के बीच पिछले काफी समय से जुबानी जंग चल रही है. हरीश रावत , हरक समेत कुछ नेताओं को लोकतंत्र का अपराधी मानते हुए पापी करार दे चुके हैं. हरक सिंह ने भी तब पलटवार किया था।