उत्तराखंड के उर्जा एवं टिहरी के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत ने सोमवार को अधिकारियों की आधी-अधूरी तैयारी पर अपनी नाराजगी जाहिर की। गुस्साए हरक सिंह रावत ने अधिकारियों को न सिर्फ जमकर खरी-खोटी सुनाई बल्कि यहां तक कह दिया कि यह बैठक भात-दाल खाने के लिए नहीं बुलाई गई है। आपको बता दें कि जन समस्याओं के निराकरण के लिए टिहरी के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत ने बैठक बुलाई थी।
प्रदेश के वन एवं पर्यावरण तथा ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने विधान सभा कक्ष में विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी तथा श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के कार्यदायी संस्था जीवीके कम्पनी के प्रतिनिधि के साथ द्वारा गॉव वासियों की समस्याओं के निराकरण के लिए समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मंत्री ने कम्पनी से निकाले गये 90 कार्मिकों को पुनः समायोजित करने अथवा वन टाईम सेटेलमेन्ट के लिए एक कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया।
डीएम टिहरी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने तथा इस कमेटी में पर्यावरण बोर्ड के प्रतिनिधि, श्रमायुक्त और जेवीके कम्पनी के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। यह कमेटी 15 दिनांे में इससे सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिए ठोस प्रस्ताव देगी। इस प्रस्ताव पर सरकार अपनी निर्णय लेगी। इसके अलावा इस क्षेत्र में बनाए गये अधूरे सड़क का निर्माण, लाईट का प्रबन्ध और लीकेज ठीक करने के लिए इत्यादि क्षेत्रीय समस्याओं के निराकरण के लिए 15 नवम्बर 2021 तक का समय दिया गया।
विधायक विनोद कण्डारी ने मंत्री को अवगत कराया कि श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के कार्यदायी सस्था जीवीके कम्पनी को जमीन देने के बावजूद भी कम्पनी द्वारा गॉववासियों के रोजगार छीन लिये गये है। कम्पनी द्वारा बिना नोटिस दिये बगैर, 90 कार्मिको को बिना कारण के हटा दिया गया है। जिससे उक्त कार्मिकों को परिवार के भरण पोषण में कठिनाई उत्पन्न हो गई है। जिस समस्याओं के निराकरण किये जाने के लिए मंत्री से अनुरोध किया।