देशभर में वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम जोरों शोरों से चल रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य सरकार, प्रदेशवासियों को वैक्सीन लगाने को लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं भी कर रही है। ताकि सभी लोगों को वैक्सीन लग सके। तो वही, जिला देहरादून के कुछ वैक्सीनेशन कैंप से लापरवाही का मामला सामने आया है। जी हां, एक निजी अस्पताल द्वारा लगाए जा रहे पेड वैक्सीनेशन कैम्प के साथ ही जिला देहरादून के प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सेलाकुई में लगाए गए वैक्सीनेशन कैम्प से लापरवाही सामने आयी है। जहाँ, किसी और व्यक्ति द्वारा बुक किए गए स्लॉट पर किसी अन्य व्यक्ति को वैक्सीन लगा दी गई है।
देहरादून शहर में एक निजी अस्पताल द्वारा लगाए गए पेड वैक्सीनेशन कैम्प से एक ऐसा मामला सामने आया गई, जिसने सबको चौका दिया है। जी हां, निजी अस्पताल द्वारा लगाए गए कैम्प में किसी और के द्वारा बुक किये गए स्लॉट पर किसी और को वैक्सीन लगा दी गयी है। पीड़ित रजनीश कुमार ने बताया निजी हॉस्पिटल द्वारा देहरादून के दून क्लब में लगाए गए वैक्सीनेशन कैंप में स्लॉट बुक कराया था। लेकिन उनकी जगह किसी और को वैक्सीन लगा दी गई है। यही नहीं, जब इस बाबत रजनीश ने उस हॉस्पिटल के अधिकारियों से बातचीत करनी चाहिए तो वहा से कोई खास रिस्पॉन्स नही मिला। जिस पर रजनीश ने अपनी समस्या के समाधान के लिए कोविड कंट्रोल रूम, डीएम आफिस, सीएम हेल्पलाइन समेत अन्य संबंधित नंबरों पर फोन भी किया गया लेकिन वहां से कोई खास रिस्पांस नहीं मिला।
देहरादून के प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सेलाकुई में वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक करने वाले पीड़ित सुनील कुमार ने बताया कि 14 मई को वैक्सीन लगवाने के लिए उन्होंने स्लॉट बुक किया था, लेकिन वह 14 मई को किसी कारण वैक्सीन लगवाने वैक्सीनेशन कैंप नहीं जा पाए। जिसके बाद उन्होंने जब हालही में वैक्सीन लगाने के लिए स्लॉट बुक किया तो पता चला कि वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। यही नही, वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट भी जारी हो गयी है। जिसके बाद सुनील ने राज्य और केंद्र सरकार से जांच करने की मांग की है। क्योंकि, सरकारी कागजात में जिस व्यक्ति को वैक्सीन लग गई उस व्यक्ति को दोबारा वैक्सीन नहीं लग पाएगी।