नारायणबगड़ ब्लॉक के पंगती गांव में सुबह तड़के बादल फटने के बाद चारों तरफ बर्बादी का मंजर देखने को मिला। बताया जा रहा है कि यहां आज सुबह करीब साढ़े 5 बजे बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए मलबे और बारिश ने गांव में भारी तबाही मचाई है। इस घटना में बीआरओ मजदूरों के घरों और झोपड़ियों को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही कई वाहन मलबे की चपेट में आ गए हैं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
हालांकि, अभी कोई जनहानि की सूचना नहीं है। बता दें कि प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से हिमालयी राज्य उत्तराखंड काफी संवेदनशील है। वहीं, बीते दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण यहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है और कई संपर्क मार्गों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही श्रीनगर गढ़वाल में सिरोबगड़ के पास बादल फटने से बड़ी तबाही मची थी। इस दौरान बदरीनाथ हाईवे पर भारी लैंडस्लाइड भी हुआ था, जिसकी चपेट में तीन वाहन आ गए थे।
वहीं, 7 फरवरी 2021 को तपोवन में आई भीषण आपदा के बाद रैणी गांव के पास स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के ध्वस्त होने से मलबे में कई लोग जिंदा दफन हो गए थे। यहां तक की भारत चीन सीमा को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रैणी पुल भी सैलाब में बह गया था। इतना ही नहीं ऋषिगंगा का सैलाब धौलीगंगा में मिलने के बाद भीषण जलप्रलय से पूरी तपोवन स्थित एनटीपीसी की परियोजना को नुकसान पहुंचाया था। इस आपदा में आज भी कई लोगों का पता नहीं चल पाया है।