प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने को लेकर राज्य सरकार तमाम दावे तो कर रही है लेकिन धरातल पर इसका असर कुछ खास देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसे में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बेहतर सुधार के साथ ही शिक्षा व्यवस्था को विद्यार्थी केंद्रित बनाए जाने को लेकर सीएम धामी ने गुरुवार को समीक्षा बैठक की। सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक के दौरान सीएम धामी ने गुणात्मक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा पर भी ध्यान देने की बात की। इसके साथ ही बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए और स्कूलों में घटती बालिकाओं की संख्या को बढ़ाने के लिए आवासीय छात्रावासों को और अधिक बढ़ावा दिया जाए।
साथ ही सीएम धामी ने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए की बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम किया जाए, सप्ताह में बस्ता मुक्त दिवस पर विद्यार्थियों को नैतिकता आधारित शिक्षा दी जाए। इसके अलावा, माध्यमिक शिक्षा में व्यावसायिक आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए, सभी स्कूलों में फर्नीचर की प्रयाप्त व्यवस्था हो, स्कूलों में जहां-जहां संभव है, वहा सोलर पैनल लगाया जाए। विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान सचिव शिक्षा ने शिक्षकों के ट्रांसफर में आ रही तमाम दिक्कतों और शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल करने के लिए बनाई जा रही नीति संबंधित जानकारी भी दी।
सीएम ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से ट्रांसफर को सरल करने के लिए जो नीति बनाई जा रही है, उसका कार्मिक विभाग के स्तर पर परीक्षण कर लिया जाए। राज्य हित में जो निर्णय सही होगा, वो निर्णय लिया जाएगा। सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ऐसी व्यवस्थाएं बनाई जाए, जिससे अभिभावक सरकारी स्कूलों में ही अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए खुद से ही प्रेरित हों।
राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को पूरी तरह से लागू करने के लिए तेजी से काम किये जाए। स्मार्ट और वर्चुअल क्लास पर विशेष ध्यान दे। शिक्षा के क्षेत्र में नई चीजों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में चलाई जा रही मुख्यमंत्री गौरवशाली भारत भ्रमण योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों और उत्कृष्ट शिक्षकों को वैज्ञानिक और तकनीकि संस्थानों में घुमाने की व्यवस्था को लागू किया जाए। छात्र शैक्षिक भ्रमण योजना के तहत सभी विकासखण्ड से 50 मेधावी भारत भ्रमण पर भेजे जायेंगे। जिसमें 50 प्रतिशत छात्राएं भी शामिल हो।
सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी उपहार योजना के तहत क्लास 01 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाए। विद्यालयों में सभी भौतिक और मानव संसाधन उपलब्ध कराने, तकनीकी और डिजिटल शिक्षा, आवासीय छात्रावास, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलस्टर एवं पीएम श्री स्कूलों की स्थापना पर ध्यान दे। सीएम ने कहा कि हमारी विरासत के तहत उत्तराखण्ड के आन्दोलन का इतिहास, लोक संस्कृति के तमाम आयामों, भारतीय ज्ञान परंपरा मूल्यों एवं संस्कृति और स्थानीयता को समाहित करते हुए छात्र-छात्राओं को इसकी अधिक से अधिक जानकारी दी जाए।