सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राजस्व न्यायालयों के लम्बित मुकदमों के निस्तारण के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्व न्यायालयों के लम्बित मुकदमों को विशेष अभियान के तहत और समयबद्धता के साथ निस्तारण करने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली और कार्यों के निस्तारण की प्रगति में अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए अध्यक्ष राजस्व परिषद् को तत्काल समस्त राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने आयुक्त एवं सचिव को नियमित पाक्षिक समीक्षा कर प्रगति से अवगत कराने के भी निर्देश दिये है। बता दे कि कृषि भूमि से सम्बन्धित विवादों जिनमें नामान्तरण अधिकारों की घोषणा, खेतों का बँटवारा, अवैध कब्जा हटाना आदि के त्वरित निस्तारण के लिए ही राजस्व न्यायालयों का गठन किया गया और राजस्व न्यायालयों को सिविल न्यायालयों की भाँति शक्तियाँ दी गई है। उक्त शक्तियों के बावजूद राजस्व न्यायालयों में छोटे-छोटे जमीन विवाद सालों तक लम्बित चले आ रहे हैं।

वर्तमान में सम्पूर्ण उत्तराखण्ड के राजस्व न्यायालयों जिनमें राजस्व परिषद्, आयुक्त, कलेक्टर, अपर कलेक्टर, सहायक कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के न्यायालय सम्मिलित है। लगभग 34,000 मुकदमें लम्बित हैं जिनमें से सैकड़ों मुकदमें तीन साल से भी अधिक पुराने है।

मुख्यमंत्री ने मुकदमों के निस्तारण की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार के सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के मूलमंत्र को साकार करने के लिए राजस्व न्यायालयों के लम्बित मुकदमों को विशेष अभियान के तहत और समयबद्धता के साथ निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। जनपदों के भ्रमण और समीक्षा बैठकों के दौरान भी राजस्व वादों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा मुख्यमंत्री द्वारा की जानी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Powered & Designed By Dhiraj Pundir 7351714678