देशभर में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर का असर काफी कम हो गया है। ऐसे में जहा एक ओर अभी से ही तीसरी लहर की चिंता राज्य और केंद्र सरकार को सताने लगी है। तो वही, कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट ने चिंताओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। क्योंकि कोरोना संक्रमण का यह नया वैरिएंट 10 देशों के साथ ही भारत के 10 राज्यो में पैर पसार चुका है, साथ ही और तेजी से देश भर में पैर पसार रहा है। क्योकि भारत मे अभी तक 40 मरीजो में इसकी पुष्टि हो चुकी है। डेल्टा प्लस वैरिएंट के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यो के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है। जिसमें इस नए वैरिएंट के प्रति सजग होने के साथ ही व्यवस्थाएं मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं।
देशभर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर डेल्टा वैरिएंट की वजह से ही आई थी। लेकिन अब डेल्टा वैरिएंट, डेल्टा प्लस वैरिएंट में तब्दील हो गया है जो डेल्टा वैरिएंट से काफी खतरनाक है। क्योंकि यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले काफी तेजी से फैल रहा है। चर्चाएं या भी है कि वैक्सीन से मिलने वाली इम्युनिटी को डेल्टा प्लस वैरिएंट चकमा दे सकती है। यह जरूरी नहीं है कि हर डरावना म्यूटेशन एक खतरनाक वायरस का रूप ले। हालांकि, अभी तक जितने भी वैरिएंट आए हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य सरकार इस बात का दावा कर रही है कि वह आगामी तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन अगर उत्तराखंड राज्य में कोरोना वायरस नया वैरिएंट दस्तक देती है तो स्थितियां काफी भयावक हो सकती है।
वैज्ञानिक इस बात पर पहले ही दावा कर चुके हैं कि कोरोना संक्रमण लगातार अपने रूप को बदल रहा है। ऐसे में अब कोरोना संक्रमण का नया रूप इस दूसरी लहर में देखने को मिल रहा है। कोरोना संक्रमण के इस नए रूप को डेल्टा प्लस वैरिएंट नाम दिया गया है। जो अभी तक पांच राज्यों में फैल चुका है और तेजी से अपना पैर पसार रहा है। यह नया वैरिएंट मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, जम्मू, केरल, तमिलनाडु, पंजाब और महाराष्ट्र में दस्तक दे चुका है। जिसने लोगों की और चिंताओं को बढ़ा दिया है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के इस नए वैरिएंट डेल्टा प्लस से मध्यप्रदेश के 4 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही देश भर में 40 से अधिक लोग अभी भी इस नए वैरिएंट से संक्रमित हैं।
यही नही, अल्फा वैरिएंट भी काफी संक्रामक है, लेकिन डेल्टा इससे करीब 60 फीसदी अधिक संक्रामक है। डेल्टा से मिलते-जुलते कप्पा वैरिएंट भी वैक्सीन को चकमा देने में कामयाब दिखता है, लेकिन फिर भी यह बहुत ज्यादा नहीं फैला, जबकि डेल्टा वेरिएंट सुपर-स्प्रेडर निकला है। डेल्टा के दो म्यूटेशन- 452R और 478K इम्युनिटी को चकमा दे सकते हैं। हालांकि, वैक्सीन की दोनों डोज जरूर इन पर प्रभावी है, लेकिन एक डोज से मिलने वाली सुरक्षा का असर इनपर बहुत कम होती है। हालही में ब्रिटेन में हुई एक स्टडी के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ पहली डोज 23 पर्सेंट सुरक्षा देती है, जबकि अल्फा वैरिएंट के खिलाफ ये 51 पर्सेंट सुरक्षा देती हैं।
कोरोना संक्रमण के पहले लहर की दस्तक के दौरान मौतों और संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बेहद कम रहा था। तो वहीं, संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या में न सिर्फ रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हुआ बल्कि मौतों की संख्या भी उसी अनुपात में तेजी से बढ़ती चली गई। ऐसे में अब लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि दूसरी लहर अगर इतनी भयावह थी, तो तीसरी लहर इतनी खतरनाक साबित हो सकती है। लिहाजा, दूसरी लहर के दौरान ही डेल्टा प्लस वैरिएंट ने लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
वही, डीजी हेल्थ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट ने दस्तक नहीं नहीं दी है ऐसे में इसके चुनौतियों के बारे में कहना अभी बहुत मुश्किल है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य अब कोरोना के किसी भी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार है।