सीएस ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता रिपोर्ट की तलब, तमाम प्रस्तावों को दी मंजूरी। 

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति  की बैठक की गई। बैठक के दौरान सीएस ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता की रिपोर्ट तलब की। जिसके तहत सभी कलेक्शन सेन्टर की लोकेशन मैपिंग, सेंटर के संचालन की स्थिति और सेंटर के वास्तविक उपयोग की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट संबंधित विभागों से मांगी है।

साथ ही बैठक के दौरान सीएस ने ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (REAP) के तहत वेसाइड एमेनिटीज (Wayside Amenities) और क्लेक्शन सेन्टर निर्माण की इकाई दरों के संशोधन प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। सीएस ने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों और मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। साथ ही आरईएपी के तहत इस क्षेत्र में 400 उद्यमियों को तैयार करने के लक्ष्य को तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही तेजपत्ता के दोहन और वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल और ओकलकान्डा ब्लॉकों में विस्तार कर 500 उद्यमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृखंला उत्पाद विकास के तहत 728 उद्यमी तैयार करने, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उद्यमी तैयार करने, मुर्गीपालन के लिए मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के जरिए 503 उद्यमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उद्यमी तैयार करने के कुल 6033 करोड़ 59 लाख रूपये के प्रस्तावों पर सहमति जाता दी है।

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय महिलाओं को घरेलू पशुओं के स्वास्थ्य कर्मियों रूप में प्रशिक्षित कर 2400 पशुसखी किट वितरित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही इस परियोजना को तय से के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने को लेकर सीएस ने   2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के जरिए  छोटे व उन्नत कृषि/उद्यान यंत्रों के वितरण संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही सीएस ने इस  सम्बन्ध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इसका अभी अध्ययन किया जाए।

बैठक के दौरान सीएस ने तमाम प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी योजनाओं को लागू करने के दौरान लैगिंक संवेदनशीलता (Gender Sensitization) को प्राथमिकता पर रखा जाए। कलस्टर लेवल फेडरेशन (सीएफएल) में उन्नत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए, साथ ही इनके माध्यम से स्थानीय लोगों खासकर महिलाओं को फाइनेशियल लिटरेसी और साइबर सिक्योरिटी की  भी ट्रेनिंग दी जाए।

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