उत्तराखंड राज्य में जहां एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के रोजाना नए मरीज सामने आते जा रहे हैं। तो वही, दूसरी ओर प्रदेश भर में डेंगू के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि अभी तक प्रदेश के मुख्य 4 जिलों में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है जिसमें मुख्य रुप से हरिद्वार जिले के रुड़की में डेंगू पूरी तरह से बेकाबू हो गया है। जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे की चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रही है तो वही डेंगू की दस्तक ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता है और बढ़ा दी है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य में अभी तक 370 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। जिसमें से एक मरीज की मौत हुई है।
उत्तराखंड राज्य के 4 जिले, हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर और नैनीताल डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें से मुख्य रूप से हरिद्वार जिले में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हरिद्वार जिले के रुड़की में अभी तक 248 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। तो वही, देहरादून जिले में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 95 पहुंच गई है। इसी तरह नैनीताल जिले में 22 और उधमसिंह नगर जिले में 5 मरीजो में डेंगू की पुष्टि हुई है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव को लेकर लगातार दिशा निर्देश जारी करता रहा है साथ ही सभी वार्डों में फागिंग भी कराई जा रही है बावजूद इसके डेंगू मरीजों की संख्या में काफी उछाल देखा जा रहा है।
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मरीजों की संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने नगर निगमों को इस बाबत पहले ही निर्देश दे चुकी है कि सभी क्षेत्रों में फागिंग कराने के साथ ही घरों में निरीक्षण कर लार्वा को नष्ट कराया जाए। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम देहरादून की टीम द्वारा रोजाना जिला देहरादून के डेंगू प्रभावित एवं संवेदनशील क्षेत्रों फॉगिग कराया जा रहा है, साथ ही जिन जगहों पर लार्वा पाए जा रहे है उसे टीम नष्ट कर रही है। इस साल अभी तक जिला देहरादून 1,99,026 घरों का सर्वे किया गया। जिसमें से 9,172 घरों में मच्छर का लार्वा पाया गया। जिसे नष्ट किया गया।
देहरादून शहर में लगातार डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं जिसको देखते हुए नगर निगम की ओर से डेंगू की रोकथाम के लिए शहर भर में छिड़काव व फागिंग का कार्य किया जा रहा है। लेकिन देहरादून में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए मेयर सुनील उनियाल गामा ने स्वास्थ्य विभाग को बड़े स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही कहा कि जो क्षेत्र डेंगू के लिहाज से संवेदनशील है और जहा पर लार्वा मिल रहा है वहा पर कल यानी बुधवार की शाम से महाअभियान शुरू किया जायेगा। जिसके लिए नगर निगम क्षेत्र के सभी वार्डो में 100 मशीनों के जरिए छिड़काव व फॉगिंग का कार्य कराया जायेगा है।
वही, डीजी हेल्थ तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि डेंगू के रोकथाम और बचाव के लिए स्वास्थ विभाग पहले से ही काम कर रहा है। लेकिन अक्टूबर महीने में हुई बारिश के बाद डेंगू के मरीज सामने आने लगे हैं। हालांकि, वर्तमान समय में मुख्य रूप से 4 जिले डेंगू से प्रभावित हुए हैं। जिसमें हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर और नैनीताल शामिल है। साथी डीसी ने बताया कि जिन क्षेत्रों से डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीम रोज निरीक्षण करने जाती है। साथ ही आसपास के क्षेत्र में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम फॉगिंग और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने का काम कर रही है।
इसी क्रम में आशा कार्यकर्ता रोजाना लोगों के घरों में जा रही हैं और उनको डेंगू के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनके घरों में एकत्र पानी में पनप रहे लार्वा को भी नष्ट कर रही है। इसी तरह आईडीएसपी की टीम भी बुखार से पीड़ित मरीजों का डेंगू और आरटी-पीसीआर टेस्ट कर रही है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है। यही नहीं, अस्पतालो में जो मरीज भर्ती हो रहे हैं वो मरीज ठीक हो कर घर जा रहे हैं। अभी तक सिर्फ एक मरीज के डेंगू से मौत होने की पुष्टि हुई है। साथ ही कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लिए हमेशा से ही एक बड़ी चुनौती रहती है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है लेकिन फिलहाल मामले कंट्रोल में है।
साथ ही डीजी हेल्थ ने कहा कि नवंबर फर्स्ट वीक में जैसे ही मौसम में और बदलाव आएगा, वैसे ही डेंगू के मरीजों में काफी कमी आनी शुरू हो जाएगी। साथ ही डीजी ने कहा कि किसी भी बीमारी को फैलने से रोकने में आम लोगों की एक अहम भागीदारी होती है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग हमेशा डेंगू को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम करती है। इसके साथ ही डेंगू के रोकथाम एवं बचाव को लेकर शासन स्तर से लेकर प्रशासन स्तर तक लगातार बैठकें और व्यवस्थाओं को मुकम्मल कराई जाती रही है जिसका ही असर है कि इस बार डेंगू के मरीजों की संख्या काफी सीमित रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द डेंगू कंट्रोल में आ जाए।