चारधाम के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सीमा हटी, यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए स्टेकहोल्डर्स से किया जाएगा चर्चा,

उत्तराखंड चारधाम की यात्रा जोरों से चल रही है। मौजूदा स्थिति यह है कि करीब 50 से 55 हजार श्रद्धालु रोजाना धामों के दर्शन को पहुंच रहे हैं। अभी तक 20,18,281 श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर चुके है। तो वहीं, दूसरी ओर धामों में मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी तक 109 श्रद्धालुओ की मौत हो चुकी है। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा से संबंधित व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर काम करें। साथ ही उच्चाधिकारी समय-समय पर यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही यात्रा में और बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जिलाधिकारियों का मदद भी करें। ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओ को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो। और वो एक सुखद संदेश लेकर अपने गंतव्य को जाए।

इसके अलाव, सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए, कर्तव्य और दायित्व निर्धारित किया जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन, मंदिरों, ट्रांसपोर्टर्स, टूर एजेंटो और अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर चर्चा भी करे। सीएम ने कहा कि यात्रा मार्गों पर 42 सीटर बसे संचालित करने की व्यवस्था करे। वही, बैठक के दौरान गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में श्रद्धालुओं का बैकलॉग खत्म हो गया है। ऐसे में जो भी श्रद्धालु धामों के लिए आ रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन कर चारधाम यात्रा पर भेजा जा रहा है। वर्तमान समय में पंजीकरण की संख्या अब सीमित नहीं है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के दौरान जो एमओयू साइन हुए हैं, उसको धरातल पर उतरने के लिए तेज गति से काम किया जाए। साथ ही ऐसे निवेश प्रस्तावों को पहली प्राथमिकता दी जाए, जो राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप हों और इससे स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। सीएम ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन, टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन और दिल्ली-देहरादून एलीवेटेड रोड के तहत राज्य में टनल निर्माण कर रही  कार्यदायी संस्थाओं के साथ बैठक कर निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए जाए।

इसके अलावा नैनीताल जिले के बेतालखाट में पिकअप पलटने पर घायलों की ओर से 108 पर कॉल किया गया था लेकिन 108 के कर्मचारियों की ओर से फोन नही उठाया गया। जिस मामले का खुद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिये है कि इस मामले की जांच की जाए। और अगर ये सही पाया जाता है तो संबंधित जिम्मेदार के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

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