आपदा के दौरान राहत बचाव के लिए जिला और तहसील प्रशासन 24 घंटे रहे अलर्ट, सीएम ने दिए निर्देश।

उत्तराखंड राज्य में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में तमाम जगहों पर आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश के तमाम ग्रामीण सड़क बाधित हो गई हैं इसके अलावा तमाम संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन होने के चलते आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के चलते प्रदेश में बने आपदा जैसे हालातों की जानकारी को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कैंप कार्यालय से गढ़वाल कमिश्नर और कुमाऊं कमिश्नर के साथ वर्चुअल बैठक की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस बाबत सख्त निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों के लिए जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन, 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहे। किसी भी जगह जल भराव की स्थिति में आपदा प्रभावितों के लिए खाने और रहने की प्रयाप्त व्यवस्थाएं की जाएं। तहसील स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम से भी लगातार संपर्क बनाए रखे। साथ ही सड़कों के बंद होने की स्थिति में उन्हें तत्काल खोलने की व्यवस्था की जाए। मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय मौसम संबंधी गतिविधियों के आधार पर ही स्कूलों को खोलने और बंद करने का निर्णय का निर्णय लिया जाए।

बता दे कि प्रदेश भर में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने 9 जुलाई तक का अलर्ट जारी किया है। जिसका असर प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश की नदियां तूफान पर हैं और लगातार भूस्खलन की घटनाएं तमाम जगहों पर देखी जा रही हैं। भूस्खलन होने के चलते न सिर्फ सड़क क्षतिग्रस्त हो रही हैं बल्कि यातायात भी बाधित हो रहा है जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि अगर सड़के बाबतीत होती है तो तत्काल सड़कों को खोला जाए इसके लिए पहले से ही पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली जाए।

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