राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के तमाम क्षेत्रों की सड़कों पर आवारा पशु घूमते नज़र आते है। जिनके चलते कई बार सड़क दुर्घटनाएं भी हो जाती है। हालांकि, निराश्रित गौवंश और मौजूद कांजी हाउस की स्थिति को व्यवस्थित करना किसी एक विभाग के अधीन नहीं आता है। जिसको देखते हुए शनिवार को विधानसभा में पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचन्द्र अग्रवाल और पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने निराश्रित पशुओं के लिए कांजी हाउस की स्थापना और संचालन को लेकर बैठक आयोजित किया गया।
बैठक के दौरान कैबिनेट सतपाल महाराज ने कहा कि गौवंश की रक्षा और निराश्रित गौवंश को सुरक्षित और बेहतर ठिकाना दिए जाने के लिए तमाम सुझाव मिले है जिस पर अमल करना सरकार की प्राथमिकता है। साथ ही कहा कि प्रदेश की सड़को पर घूमने वाली गायों को चिन्हित कर मौजूद गौसदनों में रखा जाएगा, साथ ही जिन क्षेत्रों में गौशालाएं मौजूद नहीं है। उन क्षेत्रों में निराश्रित गौवंश संरक्षण के लिए गौशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द किया जायेगा। सतपाल महाराज ने कहा कि गौवंश की रक्षा करना, सेवा का कार्य है, ऐसे में सबको मिलकर आगे आना चाहिए।
तो वही, बैठक के दौरान शहरी विकास मंत्री डॉ. प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सनातन संस्कृति में गौ, गंगा, गणेश और गायत्री का एक महत्वपूर्ण स्थान है। लिहाजा, गौवंश के नुकसान को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जिसके तहत निराश्रित गौवंश को गौसदनों में लाने के लिए जिलाधिकारियों को गौसदनों के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि गौसदनों में गौवंश की बेहतर देखरेख के लिए पशु चिकित्सक, समय समय पर निगरानी करते रहें।
साथ ही प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि गौवंश के संरक्षण के लिए अन्य मदों से भी धनराशि का प्रावधान किया जाए, इसके अलावा, विधायक भी विधायक निधि से गौवंश के संरक्षण के लिए सहयोग करें। बैठक के दौरान पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि राज्य में करीब 17 हजार 500 निराश्रित गौवंश मौजूद है। जिनके संरक्षण के लिए पहली बार राज्य के तीन कैबिनेट मंत्रियों की हाई लेवल कमेटी बैठक की गई। ऐसे में अगले 6 महीने में निराश्रित गौवंश के संरक्षण को लेकर गौशालाओं का निर्माण और उनकी क्षति को रोकने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किये जायेंगे।