उत्तराखंड राज्य को तापीय बिजली संयंत्र लगाने के लिए कोयला आपूर्ति को भारत सरकार की मंजूरी।

प्रदेश में बिजली की खपत को पूरा किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार तमाम ऊर्जा उत्पादन के संसाधनों पर जोर दे रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने कोयला आधारित तापीय बिजली संयंत्र लगाए जाने को लेकर विद्युत मंत्रालय से अनुरोध किया था। जिस पर विद्युत मंत्रालय भारत सरकार ने यूजेवीएन लिमिटेड और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम को कोयला आधारित तापीय बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। इसके लिए कोयला आवंटन को लेकर अप्रैल 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार से अनुरोध किया था जिस पर भारत सरकार ने सहमति सजा जाता दी है।

दरअसल, सीएम धामी ने शक्ति नीति के तहत अप्रैल 2024 में कोयला आवंटन के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार अपने सार्वजनिक उपक्रम यूजेवीएन लिमिटेड के साथ ही टीएचडीसी और यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के जरिए  कोयला आधारित तापीय विद्युत संयंत्र की स्थापना करना चाहती है। इसी क्रम में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की ओर से भी उत्तराखंड राज्य को शक्ति नीति के तहत 1320 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन के लिए कोयला आपूर्ति को मंजूरी दे दी थी।

इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार ने टीएचडीसी और यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम (TUECO) के माध्यम से तापीय विद्युत संयंत्र स्थापना पर सहमति जताई गई है। शक्ति नीति के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड केंद्र एवं राज्य सरकारों की उत्पादन कंपनियों और उनके संयुक्त उपक्रमों को अधिसूचित दरों पर कोयला आपूर्ति की अनुमति दे सकती है। जिसके चलते टीएचडीसी और यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम (TUECO) की ओर से कोयला आवंटन के लिए आवेदन किया गया था। कोयला आवंटन के बाद उत्पादित होने वाली विद्युत से राज्य की विद्युत व्यवस्था में निश्चित ही सुधार होगा।

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