प्रदेश भर में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते मैदानी क्षेत्रों में जल भराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौजूदा स्थितियां है कि कुछ घंटे की बारिश के बाद ही सड़के जलमंग्न हो जा रही है। प्रदेश के शहरों में ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शहरों के मास्टर ड्रेनेज प्लान और फ्लड प्लैन जोनिंग के कामों में तेजी लाई जाए।
इसके साथ ही सीएम ने निर्देश दिए कि जल स्तर बढ़ाने के लिए बांधों से सिल्ट निकालने और ड्रेजिंग सिस्टम के लिए अगले दो महीने के भीतर ठोस प्लान तैयार कर रिपोर्ट सौंपे। पिंडर और कोसी नदी को आपस में जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर किए जा रहे सभी कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में शुद्ध पानी जाए, इसके लिए ऐसे नाले भी चिन्हित किये जाए, जहां एसटीपी नहीं लगे हैं। गंगा के घाटों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए। सीएम ने कहा कि बाढ़ सुरक्षा के कामों में तेजी लाई जाए। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा बढ़ाने और नहरों के मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
सीएम धामी ने बैठक में निर्देश दिये कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना पर जल्द से जल्द काम शुरू हो, इसके लिए सितम्बर महीने तक सभी कार्यवाही पूरी कर ली जाए। जमरानी बांध परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 710 करोड़ रूपये के बजट का प्राविधान किया गया है। इस महत्वपूर्ण परियोजना से हल्द्वानी शहर और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों में 117 एमएलडी पेयजल की उपलब्धता, करीब 57 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया जायेगा।
इसी तरह सौंग बांध परियोजना से देहरादून शहर और उपनगरीय क्षेत्रों के लिए 2053 तक की अनुमानित आबादी के लिए 150 एमएलडी ग्रविटी से पेयजल की सुविधा उपलब्ध की जायेगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में सौंग बांध के लिए 300 करोड़ के बजट का प्राविधान किया गया है। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नैनीताल जिले के बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र का ट्रीटमेंट कार्य, चमोली जिले के हल्दापानी लॉ कॉलेज के निकट भू-धसाव और भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य के साथ ही पिथौरागढ़ के धारचूला विकासखण्ड में ग्वालगांव भूस्खलन टीटमेंट के काम जल्द पूरा किये जाएं।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने, पर्यटन विकास मत्स्य पालन एवं भू-जल संवंर्द्धन के लिए पिथौरागढ़ में थरकोट झील, चम्पावत जिले में कोलीढ़ेक झाल, अल्मोड़ा जिले में गगास नदी पर जलाशय का निर्माण किया गया है। धारचूला के काली नदी पर स्थित घटगाढ़ नाले से भारत-नेपाल पुल तक तटबन्ध के सुदृढ़ीकरण का काम किया गया है। राज्य के 14 महत्वपूर्ण शहरों में ड्रेज प्लान पर काम किया जा रहा है, जबकि देहरादून का सर्वे पूरा कर लिया गया है।