ये भी पढ़े — कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष का बड़ा बयान, बोर्ड के भीतर हुआ है बड़ा घोटाला, जांच में है कई बड़े अधिकारियों के नाम, हरक सिंह रावत करते हैं झूठी बयानबाजी
यही नही, इस रोपवे की खासबात यह है कि एक घंटे में करीब 1 एक हज़ार सैलानी एक तरफ से जा सकेंगे और उतने ही सैलानी दूसरे तरफ से वापिस आ सकेंगे। ऐसे में इस रोपवे के बन जाने के बाद सैलानियों को जाम में फसने की नौबत नही आयेगी, तो वहीं स्थानीय लोगों को भी, मसूरी रोड पर रोज लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। साथ ही सैलानी प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी ले पाएंगे।
कुल मिलाकर देखें तो आने वाले समय में न सिर्फ मसूरी घूमने आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी बल्कि देहरादून से मसूरी रोपवे के माध्यम से जाने के लिए भी सैलानियों में एक रोमांच पैदा होगा। वर्तमान स्थितियों की बात करें तो अभी फिलहाल इन्वायरमेंट क्लेरेंस की वजह से रोपवे का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। लेकिन कोविड-19 समाप्त होने के बाद ही जल्द ही एनवायरमेंट क्लीयरेंस का कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा।