उत्तराखंड में मानसून की दस्तक से केदारनाथ और मंदाकिनी घाटी में पिछले करीब डेढ़ महीने से उड़ान भर रहे हेलीकॉप्टरों के पंख थमने लगे हैं। 10 जुलाई के बाद हेली सेवा अस्थायी रूप से बंद हो जाने के बाद श्रद्धालुओं के पास बाबा केदार के दर्शन के लिए केवल पैदल ही यात्रा का विकल्प होगा। बरसात थमने के बाद फिर से हेली सेवा शुरू होंगी। दरअसल, मौसम विभाग ने प्रदेश में 28 जून तक मानसून आने की संभावना जताई है।
जिसे देखते हुए केदार और मंदाकिनी घाटी में केदारनाथ यात्रा के लिए हेली सेवाएं दे रही नौ कंपनियों ने भी अपना बोरिया-बिस्तर समेटना शुरू कर दिया है। 24 जून तक नौ में से छह हेली कंपनियां लौट चुकी थीं। 30 जून तक तीन और हेली कंपनियां चली जाएंगी। एक जुलाई से केवल एक हेली कंपनी केदारनाथ यात्रा के लिए अपनी सेवाएं देगी। यह कंपनी भी 10 जुलाई के बाद सेवा बंद कर देगी। छह मई से केदारनाथ के लिए यात्रा खुली थी। तब से 24 जून तक 80 हजार श्रद्धालुओं ने हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा की।
हेली सेवा की सुविधा का ज्यादा लाभ बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को मिला, जिनके लिए 18 से 20 किमी की पैदल यात्रा करने में कठिनाई थी। वही, युकडा के निदेशक सी रविशंकर ने बताया कि मानसून को देखते हुए हेली कंपनियां चली गई हैं। एक जुलाई से केवल एक कंपनी ही केदारनाथ घाटी में अपनी सेवाएं देगी। 10 जुलाई के बाद यह कंपनी भी लौट जाएंगी। जब मानसून कमजोर पड़ेगा तो कंपनियां फिर से सेवाएं शुरू कर देंगी।