पॉलीहाउस निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी तय, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर।

उत्तराखंड राज्य सरकार प्रदेश में किसानों की आय को दोगुनी करने के साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। हालांकि, समय-समय पर राज्य और केंद्र सरकार की ओर से तमाम योजनाएं भी संचालित की जाती रही है ताकि किसी छोड़ रहे किसानों को कृषि कार्यों के प्रति प्रेरित किया जा सके। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में कृषि और उद्यान विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास किया जाए।

साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार की ओर से संचालित तमाम योजनाओं का लाभ किसानों को एक पैकेज के रूप मिले। इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही है जनों का पूरा लाभ किसानों को ही मिले, इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर कार्यक्रम  आयोजित कर योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाया जाए। प्रदेश में तय लक्ष्य के अनुसार पॉलीहाउस का निर्माण न कराए जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए की पॉलीहाउस के निर्माण में लेटलतीफी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। साथ ही हर साल के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार पॉलीहाउस का निर्माण कराया जाए। बता दे कि 2027 तक राज्य में 23342 पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 8500 पॉलीहाउस बनाये गये हैं।

सीएम ने कहा कि कृषि यंत्रीकरण योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले, इस पर विशेष ध्यान दे। क्योंकि कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत तमाम कृषि यंत्रों पर 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। फार्म मशीनरी बैंक योजना से किसानों को जोड़ा जाए ताकि इसका लाभ मिल सके। साथ ही सभी ग्राम पंचायतों को फार्म मशीनरी बैंक योजना से जोड़ा जाए। सीएम ने कहा कि राज्य में मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिये और अधिक काम करने की जरूरत है। मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये कृषि को बढ़ाने के साथ ही उत्पादन भी बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर विशेष ध्यान देते हुए राज्य में प्राकृतिक खेती को और अधिक बढ़ावा दिया जाए।

सीएम ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में एप्पल और कीवी मिशन के तहत तेजी से काम किये जाएं। उन्होंने कहा कि सेब के उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही पैकेजिंग और मार्केटिंग पर भी ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि  सेब और कीवी उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से प्रदेश के किसानों की आय भी काफी अधिक बढ़ेगा। सीएम ने कहा कि राज्य में ऐरोमा के क्षेत्र में भी तमाम संभावनाएं है। ऐसे में ऐरोमैटिक सेक्टर के जरिए किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है लिहाजा, किसानों को ऐरोमैटिक खेती के लिए  प्रेरित किया जाए।

बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि महिलाओं की आय को बढ़ाने के लिए 28 महिलाओं को नमो ड्रोन दीदी योजना से जोड़ा गया है। इसी साल, इस योजना से 280 महिलाओं को जोड़ा जायेगा। स्टैट मिलेट मिशन नीति के तहत अभी तक एक हजार महिलाओं का समूह गठित किया गया है। साल 2025 तक इन समूहों की संख्या को तीन हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 05 हजार महिला कृषकों को स्वरोजगार के लिए जैविक खेती की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। चाय उत्पादन और संगंध कृषि एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है।

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