प्रदेश के युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सरकार तमाम योजनाएं संचालित कर रही है। इसी क्रम में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर बनाए जायेंगे। दरअसल, शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान सीएम ने निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना को सितम्बर महीने तक पूरी तरह से धरातल पर उतर दिया जाए।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही हवालबाग और कोटद्वार में बनाये गये, रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर की तरह ही राज्य के सभी जिलों में रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर बनाये जाएं। क्योंकि युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के प्रति बढ़ावा देने में इस सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। भारत की आत्मा गांवों में बसती है, ऐसे में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाई जा रही योजनाओं का नाम सरल और प्रभावी हो।
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता से जुड़ी 15 महत्वपूर्ण योजनाओं को चिन्हित किया जाए। साथ ही इन योजनाओं को सफल तरीके से लागू करने के लिए जिलावार रैंकिंग की व्यवस्था भी की जाए। सीएम ने सचिव ग्राम्य विकास को निर्देश दिये कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों को भी समय-समय पर गांवों में भेजा जाए। खुद सचिव भी कुछ गांवों में जाएं। ग्राम सभाओं की बैठकों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को भेजा जाए। अमृत सरोवरों के निर्माण और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। अमृत सरोवरों के किनारे वृक्षारोपण भी किया जाए।
साथ ही सीएम ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए तय समय के भीतर पूरा किया जाए। कामों की गुणवत्ता में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। सीएम ने कहा कि वो खुद निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे। ग्रामीण निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान सीएम ने निर्देश दिये कि ‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ के तहत गावों को सड़कों से जोड़ने के लिए चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। गांवों के विकास के लिए सड़क कनेक्टिविटी पर भी विशेष ध्यान दे।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत प्रशिक्षण संस्थाओं को लक्ष्यों की स्वीकृति, लक्ष्य के सापेक्ष कार्य शुरू और लक्ष्य के सापेक्ष प्रशिक्षण में राज्य का प्रथम स्थान है। एनआरएलएम योजना में बेहतर प्रदर्शन के चलते पिछले दो सालो में राज्य को लगातार बोनस मिल रहा है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के जरिए अगले 03 सालों में 25 करोड़ रुपए के बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। लखपति दीदी योजना के तहत राज्य में अभी तक 93 हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।
इसके साथ ही साल 2026 तक ढाई लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत राज्य में 66,596 आवास बनाये गये हैं। एनआरएलएम के तहत राज्य में 66,459 समूहों का गठन किया गया है। जिसमें 5.06 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। पीएमजीएसवाई के तहत अभी तक स्वीकृत 1864 बसावटों में से 1845 बसावटें संयोजित की जा चुकी हैं। इन बसावटों से लगभग 22 लाख की जनसंख्या को लाभ हुआ हैं।