उत्तराखंड में ताजा गणना में हिम तेंदुओं की संख्या 121 हो गई है। भारतीय वन्य जीव संस्थान के संयुक्त वैज्ञानिक गणना में हिम तेंदुओं की यह संख्या सामने आयी है। दरअसल, छह साल पहले 2016 में हुई गणना में राज्य में 86 हिम तेंदुए पाए गए थे। आपको बता दे कि दुनिया के केवल 12 देशों में ही हिम तेंदुए हैं और भारत उनमें से एक है। इन देशों में हिम तेंदुओं की आबादी 3000 से 7000 के बीच आंकी गई है।
साल 2016 की गणना में भारत में 516 हिम तेंदुए पाए गए थे। हिम तेदुओं को ‘हिमालय का भूत’ भी कहा जाता है। उत्तराखंड में इनकी संख्या 86 से बढ़कर 121 हो गई है। वही वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ समीर सिन्हा ने बताया कि अगर हम 2016 के अध्ययन के साथ उत्तराखंड की नये आंकड़ों की तुलना करते हैं, तो हमारे पास खुश होने का कारण है। उन्होंने कहा कि पहली बार वैज्ञानिक तरीके से जनगणना की गई है और प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ ने अब हिम तेंदुए को डाउनग्रेड कर दिया है।
हिम तेंदुए की जनगणना भारत में पहली बार आधिकारिक तौर पर की जा रही है। यह 2019 में शुरू हुआ था। उत्तराखंड के लिए गणना पूरी होने के बाद भी, यह ट्रांस हिमालय क्षेत्र के अन्य हिस्सों जैसे लेह, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में अभी भी जारी है। उत्तराखंड में, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ-साथ राज्य के वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से गणना की गई थी। आमतौर पर ऊंचे और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में 9,800 फीट से 17,000 फीट की ऊंचाई पर हिम तेंदुए पाए जाते हैं।
पीसीसीएफ समीर सिन्हा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन इनकी आबादी के लिए एक बड़ा खतरा है। हिमाचल में, पिछले साल किए गए एक अध्ययन में 73 पर गिनती का अनुमान लगाया गया था। हालांकि अध्ययन में शावकों को शामिल नहीं किया गया था। इससे पहले ऊपरी किन्नौर और स्पीति घाटी के कुछ हिस्सों में 62 से 65 के बीच रहने का अनुमान था। साथ ही किब्बर वन्यजीव अभ्यारण्य वह स्थान है जहां पर अधिकतर हिम तेंदुए पाए जाते हैं।