उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं, उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम का पहला हिमपात होने से मौसम में ठंडक आ गई है। चमोली में तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के साथ साथ निचले इलाकों में बारिश से ठंड बढ़ गई है। सिखों के पवित्र तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब में बर्फबारी शुरू हो गई है गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की लंबी कतार भक्तिमय वातावरण के साथ बर्फबारी देखने को मिल रही है।
उत्तराखंड राज्य में पिछले 48 घंटे से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो वहीं मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड राज्य में अगले 3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना है जिसमें मुख्य रुप से प्रदेश में कुमाऊँ रीजन के जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। साथ ही मौसम विभाग ने प्रदेश में बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी कर दिया है। जिसके तहत जहा आज प्रदेशभर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है तो वही अगले दो दिन प्रदेश के तमाम हिस्सों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
चमोली जनपद में लगातार हो रही रुक-रुक के बारिश के चलते ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश से ठंड बढ़ने लगी है। वही, हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ धाम में लगातार बर्फबारी देखने को मिल रही है, बता दें कि हेमकुंड साहिब के कपाट 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। हेमकुंड साहिब में अब तक लगभग 1 लाख 80 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं।
दरअसल, मौसम विभाग ने प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। मुख्य रूप से प्रदेश के कुमाऊं रीजन में भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हालांकि, मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट का असर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों पर देखने को मिल रहा है। जहा एक ओर पर्वतीय क्षेत्रों पर भारी बारिश का सिलसिला जारी है। तो वही, उच्च हिमालई क्षेत्रों पर बर्फबारी का दौर जारी है।
कुल मिलाकर उत्तराखंड राज्य से अभी मानसून की विदाई नही हुई है। जिसका असर प्रदेश भर में देखा जा रहा है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार 10 अक्टूबर के बाद मानसून के विदाई का सिलसिला शुरू होगा। लेकिन समय से पहले ही उच्च हिमालई क्षेत्रों पर बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है। बर्फबारी शुरू होने से जहा एक और पर्यटकों के चेहरे खिल गए है तो वही स्थानीय निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बहरहाल, बर्फबारी के चलते पर्वतीय क्षेत्रों का मौसम काफी सुहावना हो गया है।