लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद देशभर में लागू आदर्श आचार संहिता निष्क्रिय हो गई है। ऐसे में अब शासन विकास की योजनाओं को धरातल पर उतरने की कवायत में जुट गई है। इसी क्रम में एसीएस/इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कमिश्नर आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में तमाम विभागों की ओर से संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन को तमाम विभागीय अधिकारियों की ओर से उनके विभागो के संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश के सभी जिलों में हेली कनेक्टिविटी सैचुरेशन पर विशेष जोर दिया गया।
इसके साथ ही असुरक्षित पुलों से छुटकारा, सड़कों में क्रैश बैरियर का निर्माण, विद्यालयों में आवश्यक फर्नीचर की उपलब्धता, चरणबद्ध तरीके से सोलर एनर्जी सिस्टम से सैचुरेशन, सरकारी कार्यालयों का ई-आफिस की तरह इस्तेमाल करना, भू-अभिलेख समेत अन्य शासकीय अभिलेखों का डिजिटाईजेशन, प्रदेश में कृषि, उद्यान एवं वन विभाग के तहत बायो-फैन्सिंग सैचुरेशन, स्वरोजगार केन्द्रों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण, ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों की स्थापना, पुस्तकालयों की स्थापना एवं सुदृढ़कीकरण, प्रदेश के सभी जिले में थीम बेस्ड विज्ञान व नवाचार केन्द्रों की स्थापना व सुदृढ़ीकरण, इण्डोर व ओपन स्टेडियम की स्थापना व सुदृढ़ीकरण, जिला मुख्यालयों में आडिटोरियम/संस्कृति केन्द्रों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण की योजना शामिल है।
वही, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों में हवाई सेवा विकसित की जाये। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने असुरक्षित पुलों के सम्बन्ध में बताया कि प्रदेश में 94 असुरक्षित पुल चिह्नित किये गये हैं, जिनमें से 34 पुलों का जीर्णाद्धार कर दिया गया है बाकी बचे पुलों का नवीनीकरण का कार्य जल्द किया जाएगा। इसके अलावा 15 झूला पुलों का इस्टीमेट तैयार कर लिया गया है बाकी बचे झूला पुलों की डीपीआर भी अगले चार महीने के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। जिस पर एसीएस ने अधिकारियों को फास्ट मोड में कार्य करने के निर्देश दिये।
प्रदेश के पर्वतीय मार्गों पर होने वाले सड़क दुर्घटना पर लगाम लगाए जाने को लेकर सड़क के किनारे क्रेश बैरियर लगाया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में जितने भी जगह चिन्हित किए गए है। उन जगहों पर क्रेश बैरियर लगाने का काम इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा। प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में फर्नीचर के लिये बजट स्वीकृत हो चुका है ऐसे में जल्द ही विद्यालयों को फर्नीचर प्राप्त हो जाएगा। प्रदेश के शासकीय स्कूलों में सोलर प्लांट लगाने की योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 12 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाया जा चुका है। ऐसे में वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान प्रदेश के 2074 स्कूलों में 15.5 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए एसीएस ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि ई-आफिस के कार्य में और तेजी लाई जाये। साथ ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन किया जाये ताकि सरकारी कार्यालयों का अधिक से अधिक कार्य ई-आफिस प्रकृति के तहत ही किया जाये। बैठक में भू-अभिलेख व अन्य शासकीय अभिलेखों का डिजिटाईजेशन किया जाना है जिसका कार्य चल रहा है। ऐसे में अगले दो सालों में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
कृषि, उद्यान और वन विभाग के तहत बायो-फैन्सिंग सैचुरेशन को लेकर बैठक में विस्तृत रूप से चर्चा की गई। चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि बायो-फैन्सिंग कहां-कहां होनी है और उनमें कौन कौन सी प्रजाती के पेड़-पौधे लगाये जाने हैं, उसकी पूरी जानकारी रखे। साथ ही स्वरोजगार केन्द्रों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश के 13 इम्प्लाइमेंट केन्द्रों को स्वरोजगार केन्द्रों के रूप में भी डेवलप किया जा रहा है। इन सभी स्वरोजगार केन्द्रों में लाईब्रेरी, वीडियो कांफ्रेंसिंग आदि की सुविधाए भी उपलब्ध रहेगी। वर्तमान साल में 250 पंचायत भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए पूरा एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा, प्रदेश में पुस्तकालयों की स्थापना एवं सुदृढ़कीकरण, विज्ञान व नवाचार केन्द्रों की स्थापना व सुदृढ़ीकरण, इण्डोर व ओपन स्टेडियम की स्थापना व सुदृढ़ीकरण और जिला मुख्यालयों में आडिटोरियम/संस्कृति केन्द्रों की स्थापना समेत अन्य तमाम विषयों पर विस्तार से समीक्षा की गयी और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये।