चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों के मौतों का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। यात्रा शुरू होने से अब तक यात्रियों के मौत का आंकड़ा दो सौ पार हो गया है। सरकार की ओर से चारधाम यात्रा में पिछले सालों की तुलना में अधिक स्वास्थ्य इंतजाम करने के दावे हैं। इसके बावजूद मौतें रुक नहीं रही हैं। चारधाम यात्रा में अब तक जिन यात्रियों की मौतें हुई है। उसमें अधिक यात्रियों की मौत का कारण हार्ट अटैक पाया गया है।
आपको बता दे कि तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हुई है। कोविड महामारी के कारण दो साल तक चारधाम यात्रा बाधित रही। इस बार बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन के लिए शुरुआत से ही श्रद्धालुओं की भारी उमड़ी रही। साथ ही चारधामों की यात्रा के दौरान यात्रियों की लगातार मौतें हो रही है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक चारधाम यात्रा में अब तक 201 तीर्थयात्रियों की मौतें हुई है।
इसमें केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 95, बदरीनाथ में 51, गंगोत्री में 13 और यमुनोत्री में 42 यात्रियों की मौतें हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यात्रा के दौरान अचानक हार्ट अटैक से मरने वाले यात्रियों की संख्या अधिक है। यात्रा मार्गों पर 20 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए। 178 डॉक्टरों को भी तैनात किया गया। जो 2019 के मुकाबले 66 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा 119 एंबुलेंस यात्रा मार्ग संचालित की गई।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट का कहना है कि चारधाम यात्रा मार्गों पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है। पहली बार विभाग ने यात्रियों की नौ स्थानों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। यात्रियों की जागरूकता के लिए हेल्थ एडवाइजरी तैयार की गई। 12 डॉक्टरों को कार्डियोलॉजी का प्रशिक्षण देने के बाद चारधाम यात्रा में तैनात किया गया है। गंभीर यात्री को हेली सेवा से उच्च, स्वास्थ्य संस्थानों में पहुंचाया गया।