बीते कुछ दिन से सोशल मीडिया पर एक पत्र तेजी से वायरल हो रहा है। जिसने इस आज सरकार की फजीहत करा रखी है। दरअसल, यह पत्र मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट की ओर से जारी किया गया था। हालांकि इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट में बागेश्वर पुलिस को तीन वाहनों के चालान को निरस्त करने के निर्देश दिए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जहां एक ओर पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को हटा दिया गया है, तो वही एक आदेश जारी कर मुख्यमंत्री के ओएसडी, पीआरओ और कॉर्डिनेटर द्वारा लेटर हेड के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
मुख्यमंत्री दफ्तर में तैनात पीआरओ द्वारा वाहनों के चालान माफ किये जाने सम्बन्धी पत्र वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। क्योंकि इस मामले को मुद्दा बनाकर विपक्ष ने विधानसभा क्षेत्र कालीन सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर जमकर हंगामा किया था। और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को हटा दिया गया। ऐसे में ऐसी लापरवाही दोबारा ना हो, इसके लिए अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री आनंद वर्धन को इस बाबत निर्देश दिए गए।
जिसके बाद शनिवार को अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री आनंद वर्धन ने आदेश जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दफ्तर में तैनात कोई भी ओएसडी, पीआरओ या कॉर्डिनेटर न तो किसी लेटर हेड का इस्तेमाल करेगा, न ही सिग्नेचर का इस्तेमाल करते हुए कोई पत्र जारी करेगा। दरअसल, आगामी विधानसभा चुनाव में महज 20 से 25 दिन का ही वक्त बचा है। ऐसे में राज्य सरकार विपक्ष को कोई और मुद्दा नहीं देना चाहती, और ना ही अपना फजीहत कराना चाहती है। जिसके चलते आदेश जारी कर मुख्यमंत्री के सभी ओएसडी, पीआरओ या कॉर्डिनेटर पर शिकंजा कस दिया है।