आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वर्तमान सरकार के कार्यकाल का अंतिम शीतकालीन सत्र 9, 10और 11 दिसंबर को आहूत की गई है। इस शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीडीएस बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की गई। तो वही, सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही संचालित की गई है। सत्र के दौरान जहां सरकार आगामी चुनाव के मद्देनजर आम जनता को बड़ी सौगाते दे सकती है। जिसकी तैयारियों में सरकार जुटी हुई है। तो वहीं, मुख्य विपक्षी दल विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार को घेरने की रणनीति में जुटे हुए हैं।
मुख्य रूप से कांग्रेस पार्टी महंगाई और बेरोजगारी समेत तमाम अन्य मुद्दे को लेकर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है। ऐसे में इस कल यानी, सत्र के दूसरे दिन सदन के भीतर बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था का मामला विपक्षी दल उठाने जा रहा है। यही नहीं, कांग्रेस पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सदन के भीतर कांग्रेसी विधायक इन तमाम मुद्दों को उठाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि इस सत्र की अवधि बहुत कम है। लिहाजा इस दो दिन की सत्र में प्रदेश की मूलभूत समस्याओं को समायोजित कर पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन विपक्ष कोशिश करेगी कि प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी समेत कर्मचारियों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी। और राज्य सरकार को घेरेगी।