एलोपैथी और आयुर्वेद विवाद के बीच भारतीय चिकित्सा संघ ने पीएम नरेंद मोदी को पत्र लिखते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ देशद्रोह के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि बीते दिन एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान से नाराज आईएमए ने बाबा रामदेव को मानहानि का नोटिस भेजा दिया था, और 15 दिन के भीतर माफी न मांगने, व बयान को सोशल मीडिया प्लेटफार्म से न हटाने पर बाबा के खिलाफ एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा ठोकने की चेतावनी भी दी थी।
बाबा रामदेव के बयान के बाद आयुर्वेद बनाम एलोपैथी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा रामदेव ने सोमवार को एलोपैथी को लेकर जो 25 सवाल जारी किए थे, उस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने उन्हें लीगल नोटिस जारी किया है। साथ ही इस बात का जिक्र किया है कि बाबा पहले अपनी योग्यता बताएं, फिर आईएमए, उनके सवालों के जवाब देगा। एसोसिएशन के अनुसार बाबा रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते। ऐसे में अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे, तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा।
आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना की ओर से मंगलवार को बाबा रामदेव को छह पेज का नोटिस भेजा था। इस नोटिस में उन्होंने कहा कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बाबा के बयान से आईएमए उत्तराखंड से जुड़े दो हजार सदस्यों की मानहानि हुई है। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर की पचास लाख की मानहानि के अनुसार कुल एक हजार करोड़ की मानहानि का दावा किया जाएगा। यही नही, ऐलोपैथी डॉक्टरों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। ऐसे में उनके खिलाफ मानहानि के दावे के साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
गौर हो कि बाबा रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बाबा रामदेव यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब कोरोना की दोनों वैक्सीन लगाने के बावजूद देश के 1000 डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं तो फिर वो किस बात के डॉक्टर हैं। इससे पहले भी एलोपैथी दवाओं को रामदेव मूर्खतापूर्ण विज्ञान करार दे चुके हैं। एक वीडियो में वो ये कहते दिखाई दे रहे थे कि जितने लोग महामारी से मर रहे हैं, उसमें सबसे ज्यादा लोग अस्पताल में मर रहे हैं और वो भी एलोपैथिक दवाई खाकर।