प्रदेश सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में शुचिता और युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तमाम भर्ती परीक्षा घोटालों व पेपर लीक प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी सीबीआई को सौंपने पर विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस बारे में फैसला लेंगे। सीएम धामी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब तक सीबीआई को बेकार संस्था बताने वाली कांग्रेस का इस जांच एजेंसी के प्रति विश्वास अचानक कैसे जाग गया।
बता दें कि यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का प्रकरण सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। स्नातक स्तरीय परीक्षा के साथ कुछ अन्य परीक्षाओं में भी ऐसी शिकायत आने पर इनकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई है। वर्ष 2015 में हुई दारोगा भर्ती में अनियमितता की शिकायत आने पर इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी गई है। इस बीच कांग्रेस की ओर से भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच कराने का विषय उठाने पर मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की मंशा पर प्रश्न खड़े किए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कांग्रेस अब तक यह आरोप लगाती आई है कि सीबीआई बेकार संस्था है।
उस पर भरोसा, नहीं किया जा सकता। अब भर्ती प्रकरण में उसे सीबीआई की याद आई है। यह बात साबित करती है कि कांग्रेस केवल और केवल विरोध के लिए विरोध करती है। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। उत्तराखंड में भी भर्ती मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज सीबीआई जांच होनी चाहिए। कांग्रेस चाहती है कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में मामले की सीबीआई जांच हो, तांकि इस जांच एजेंसी की निष्पक्षता पर उंगली न उठे।