वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के रोकथाम और बचाव में अहम भूमिका निभा रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। जी हाँ, नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। हालांकि, अपनी मांगों को लेकर एनएचएम के संविदा कर्मचारियों ने विरोध करने का अनोखा तरीका अपनाया है। जिसके तहत एनएचएम के 4500 संविदा कर्मचारी, सामूहिक होम आइसोलेशन में चले गए हैं। और यह सभी संविदा कर्मचारी 6 जून तक सामूहिक आइसोलेशन में ही रहेंगे।
एनएचएम संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने बताया कि वह लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि सामूहिक स्वास्थ्य बीमा और गोल्डन कार्ड सुविधा समेत अन्य सुविधाएं दी जाएं, हालांकि इसके लिए उन्होंने पहले 2 जून तक विरोध करने का निर्णय लिया था लेकिन राज सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई गौर ना करने के चलते अब उन्होंने अपने विरोध को से जून तक बढ़ा दिया है।
भंडारी के अनुसार स्वास्थ्य मिशन का एनएचएम एक ऐसा अंग है जिससे करीब 80 फीसदी कार्य होता है। ऐसे में एनएचएम के 4500 संविदा कर्मचारी के सामूहिक होम आइसोलेशन में जाने से कोरोना टीकाकरण, सामान्य टीकाकरण, कोरोना पॉजिटिव केस का अनुरेखण के साथ ही कोरोना टेस्ट की सैम्पलिंग में समस्या खड़ी हो जायेगी।
भंडारी ने कहा कि इस दौरान सभी कर्मचारी विभागीय कार्यों (ऑनलाइन ऑफलाइन) का बहिष्कार करेंगे। सामूहिक होम आइसोलेशन में अति महत्वपूर्ण सेवाओं में तैनात कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। उधर, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटीज फाउंडेशन के संस्थापक और स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ अनूप नौटियाल ने भी एनएचएम कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया है।
एनएचएम के संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगे……
– सामूहिक स्वास्थ्य बीमा और गोल्डन कार्ड सुविधा दी जाए।
– सेवा के दौरान मृत्यु पर कर्मी के परिवार को आर्थिक मदद और रोजगार।
– वर्ष 2018 से लंबित लॉयल्टी बोनस का भुगतान करें।
– वेतन विसंगति दूर करें।
– विभागीय ढांचे में ”एक्स कैडर” का गठन हो।
– सेवा नियमावली और एचआर पॉलिसी लागू करें।