देश में समय-समय पर तमाम फर्जी बाबाओं के मामले सामने आते रहे है। इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य से भी एक ऐसे, बाबा का मामला सामने आया है। जी हां, तीर्थनगरी में अध्यात्म के नाम पर ठगी करने वाला एक बाबा पुलिस की गिरफ्त में आया है। हालांकि, ठगी करने वाले अनिमेश बाबा के रसूखदारों के साथ संबंध बताये जा रहे हैं। बीते एक हफ्ते से एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी लगातार बाबा के साथ दिखाई दे रही थी। बताया जा रहा है कि ठगी में माहिर अनिमेश बाबा के केंद्र से लेकर राज्य के कई नेताओं से सीधे संबंध हैं।
अनिमेश बाबा के खिलाफ अवैध वसूली और ब्लैकमेलिंग के कई मामले दर्ज हैं। लेकिन अब रसूखदारों से संबंध की जानकारी आने के बाद से यह मामला हाईप्रोफाइल हो गया है। ऋषिकेश में पकड़े गए बाबा योगी प्रियव्रत अनिमेश को शायद उत्तराखंड पुलिस छोटा मोटा बाबा ही समझ रही थी, मगर जब उसकी गिरफ्तारी हुई तो मालूम चला कि बाबा का आपराधिक रिकॉर्ड पुराना है। यही नही, बाबा का कई वीआईपी के साथ उठना बैठना बताया जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक बाबा के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में कई अवैध ठिकाने हैं।
इतना ही नहीं सोने के आभूषणों से लदा रहने वाले बाबा अनिमेश के खिलाफ हरियाणा में कई थानों में गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। बाबा ने फिलहाल अपना ठिकाना ऋषिकेश में बनाया हुआ था। इतना ही नहीं प्रियव्रत अनिमेश उर्फ रॉबिन के संबंध भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और तमाम नौकरशाहों के साथ बहुत अच्छे बताए जाते हैं। शायद यही कारण है कि बाबा जहां भी जाता है, उसका वहां जोरदार स्वागत किया जाता रहा है।
बाबा के साथ पिछले एक हफ्ते से एक आईपीएस लगातार देखी जा रही थी। बाबा जहां भी जाते बाबा से पहले यह आईपीएस उनके हर कार्यक्रम में पहुंच जाती थीं। बाबा की भक्त बनके यह आईपीएस अधिकारी बीते 4 दिनों से उनके साथ ऋषिकेश और देहरादून के चक्कर भी काट रही थी। इतना ही नहीं जानकारी जुटाने के बाद हमें मालूम हुआ कि वरिष्ठ महिला आईपीएस बाबा से लंबे समय से संपर्क में है। कई जगहों पर बाबा और उन आईपीएस की तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं। बीते दिनों देहरादून के एक कार्यक्रम में भी बाबा के साथ उस अधिकारी को देखा गया था।
बाबा के संबंधों के बारे में बताया जाता है कि बाबा दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित साउथ के कई राज्यों के बड़े से बड़े नेता और नौकरशाहों से सीधे संपर्क में है। बीजेपी के तमाम बड़े नेताओ को बाबा जानता है। सोशल मीडिया पर बाबा के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, बीजेपी नेता विजय जॉली, बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार, बॉलीवुड सिंगर शंकर साहनी सहित कई बड़े नेताओ के साथ फोटो मौजूद है। जिनको बाबा आशीर्वाद स्वरूप पहले टीका लगा चुके है, ये सभी बाबा के आगे सर झुका चुके हैं।
बाबा ने बीते दिनों कोविड-19 महामारी को भगाने के लिए ऋषिकेश में एक चर्चित यज्ञ भी किया था। इतना ही नहीं साल 2021 के कुंभ में यह बाबा बड़े-बड़े मंचों पर भी देखा गया था। बाबा को गिरफ्तार करने के बाद, कोतवाली पुलिस के मुताबिक, गढ़वाल ज्वेलर्स के मालिक हितेंद्र पंवार ने शिकायत देकर बताया कि उनकी पत्नी को मानसिक दिक्कत है। साल 2019 में वह खुद को योगी बताने वाले प्रियव्रत अनिमेश निवासी आजादनगर पानीपत हरियाणा के संपर्क में आयी थी। आरोप है कि प्रियव्रत ने अलग-अलग तारीख में पत्नी को कई दवा दी थी, और सम्मोहित कर सोने का ब्रेसलेट, सोने की माला, चार अंगूठी और नकदी उससे ठग ली।
शिकायत पर पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जिसके बाद रविवार को आरोपी योगी प्रियव्रत अनिमेश को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने सम्मोहित कर ठगी की गई करीब नौ लाख रूपए के जेवरात भी बरामद कर लिए है। प्रियव्रत अनिमेश लंबे समय से ऋषिकेश में ही रह रहा है. इतना ही नहीं बाबा ने साल 2021 से कुंभ में जूना अखाड़ा के साथ गंगा स्नान भी किया. हालांकि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज इसे पहचानने से इनकार कर रहे हैं।
अब बाबा की गिरफ्तारी के बाद, बीते दिन मुख्यमंत्री सेफ हाउस में हुए कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि आखिरकार यह ठग प्रियव्रत अभिनेश मुख्यमंत्री सेफ हाउस में कैसे पहुंचा। और पुस्तक विमोचन का कार्यक्रम किस व्यक्ति के कहने पर कराया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस वक्त ठक प्रियव्रत मुख्यमंत्री सेफ हाउस में पहुंचा था उस वक्त वह अकेला नहीं था बल्कि उसके साथ तमाम लोग मौजूद थे। जिसमें एक महिला आईपीएस अधिकारी का भी नाम शामिल है। हम यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि तस्वीरें खुद इस बात को बयां कर रही हैं।
बहरहाल जो भी हो लेकिन ठग बाबा को लेकर खुफिया विभाग समेत जांच एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क है और मामले की तह तक जाने में जुट गई है। कुल मिलाकर मामला मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े होने की वजह से काफी सुर्खियां बटोर रहा है। लिहाजा अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि आखिर किसके संपर्क करने के बाद ठग बाबा को सेफ हाउस में प्रवेश कराया गया