आखिर क्यों उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर खुले में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है छात्र-छात्राएं?

राजीव गांधी अभिनव विद्यालय जोशीमठ का विलय राजकीय इंटर कालेज जोशीमठ में करने को लेकर छात्र छात्राओं भारी आक्रोश है। शनिवार को राजीव अभिनव विद्यालय के छात्र छात्राओं ने इसके विरोध में तहसील प्रांगण में बैठकर पढ़ाई कर विरोध जताया। छात्र छात्राओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नही मानी जाती है तब तक वह उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर बैठकर ही पढ़ाई करेंगे।

बात दे वर्ष 2015 में राजीव गांधी अभिनव विद्यालय की स्थापना की गयी थी। जिसमें उत्तराखंड के पिछड़े जिलों में चार विद्यालय पौड़ी जहरीखाल नैनीताल में बेताल घाट पिथौरागढ़ में बेरीनाग और चमोली में जोशीमठ खोला गया था । कक्षा  6 से 12 तक के ग्रामीण क्षेत्रों के 80प्रतिशत व शहरी क्षेत्रों के 20 प्रतिशत  बच्चों को प्रवेश दिया जाता है जिसमें एक कक्षा में अधिकतम 40 बच्चों का प्रवेश होता है। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाया जा रहा था। जो वर्तमान में 6 से 10 तक संचालित हो रही थी।

प्राथमिक विद्यालय से मेधावी ग्रामीण छात्र छात्राएं यहां अध्ययनरत हैं जिनकी संख्या 52 थी। वर्तमान सरकार ने स्कूल में व्यवस्था करने के बजाय राजीव गांधी अभिनव विद्यालयों को राजकीय इंटर कालेजों में विलय करने का शासनादेश जारी कर दिया। जिसका विद्यालय के छात्र छात्राओं ने विरोध कुछ अलग ही अंदाज में किया। छात्र छात्राएं सुबह ही आकर उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर बैठकर पढ़ाई करने लगे। साथ ही छात्र छात्राओं ने चेतावनी दी कि यदि राजीव गांधी अभिनव विद्यालय का विलय होता है तो वे किसी भी विद्यालय में प्रवेश नहीं लेंगे।

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