मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद चारधाम की व्यवस्थाओं से संबंधित विभाग हुए सक्रिय, प्रेसवार्ता कर दी व्यवस्थाओं की जानकारी

उत्तराखंड चार धाम की यात्रा इन दिनों जोरों शोरों पर चल रही है। चारधाम की यात्रा को शुरू हुए 1 महीने का वक्त बीत गया है। एक महीने के दौरान 16 लाख से अधिक श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। तो, वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद चारधाम में की गई व्यवस्थाओं को लेकर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया।

वही, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा धार्मिक सांस्कृतिक आर्थिक एवं पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। चारधाम यात्रा को सुचारू एवं सुरक्षित बनाए जाने को लेकर पर्यटन, धर्मस्व, चिकित्सा, परिवहन, नागरिक उड्डयन एवं जिला प्रशासन द्वारा तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल कराई जा रही है। साथ ही कहा कि पर्यटन विभाग की ओर से सभी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। आयुक्त गढ़वाल मंडल की ओर से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए इस साल 3 करोड रुपए की धनराशि जारी की गई है। और जल्द ही एक करोड़ रुपए की धनराशि अतिरिक्त जारी की जाएगी।

प्रेसवार्ता के दौरान स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने बताया कि 2019 की तुलना में इस साल सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा अधिक व्यवस्थाएं की गई हैं। चार धाम यात्रा में 178 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती की गई है जो कि 2019 की तुलना में 66 फ़ीसदी अधिक है। फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर एवं मेडिकल रिलीफ पोस्ट की संख्या बढ़ाई गई है। ह्रदय रोगियों के उपचार के लिए पहली बार विशेषज्ञ चिकित्सकों को कार्डियोलॉजी में ट्रेनिंग देकर तैनात किया गया है। यात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए पहली बार हेली एंबुलेंस की सेवा दी जा रही है। 2019 की तुलना में 108 एंबुलेंस द्वारा दी गई सेवाओं में 173 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साल 2017 में भी 112 यात्रियों की हृदय गति रुकने से मृत्यु हुई थी।

साथ ही राधिका झा ने यात्रियों से अनुरोध किया कि पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण एवं चिकित्सीय परामर्श के बाद ही यात्री, अपनी यात्रा शुरू करे। राज्य में पहली बार यात्रा मार्गो पर हेल्थ स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। जिसमें चारधाम यात्रा रूटों के 9 मार्गों पर हेल्थ स्क्रीनिंग की जा रही है। अभी तक चारधाम यात्रा के दौरान 87 यात्रियों को स्क्रीनिंग के बाद वापस लौटया गया। चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं की संख्या होने के चलते सभी की हेल्थ स्क्रीनिंग करना संभव नहीं है। जिसके चलते 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। अभी तक 2 लाख से अधिक रोगियों की हेल्थ स्क्रीनिंग की गई है। जिसमें 71646 यात्रियों को ओपीडी में, 381 रोगियों को एंबुलेंस सेवा, 5000 से अधिक यात्रियों को इमरजेंसी सेवा और 30 रोगियों को हेलीकॉप्टर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया है।

तो वही, चारधाम में पुलिस प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था के संबंध में जानकारी देते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान अभी तक 16 लाख 11 हजार 598 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चारधाम यात्रा में अभी तक 154983 वाहन आए हैं। चारधाम यात्रा के दौरान बिछड़े 920 यात्रियों को उनके साथ ही श्रद्धालुओं से मिलाया गया। यात्रा के दौरान 300 यात्रियों को विभिन्न जगहों से रेस्क्यू किया गया। हेली ऑनलाइन बुकिंग फर्जीवाड़ा एवं फर्जी रजिस्ट्रेशन मामले में 20 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। मिशन मर्यादा अभियान के तहत चारधाम यात्रा मार्गो, धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर हुड़दंग मचाने वाले करीब 20 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। चारधाम यात्रा में करीब 4500 पुलिस बल, 6 कंपनी, एसडीआरएफ 25 सब टीम, एलआईयू 70, होमगार्ड 700, पीआरडी 600 और एनडीआरएफ की 02 टीम लगाई गई हैं। चारधाम यात्रा रूटों पर 57 टूरिस्ट पुलिस केंद्र बनाए गए हैं। राज्य के दामों में वीआईपी गेट की पूर्व प्रचलित व्यवस्था को खत्म किया गया है।

उत्तराखंड चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए जाने को लेकर पर्यटन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है लिहाजा चारधाम की व्यवस्था को बेहतर किए जाने को लेकर तमाम पहल किए गए है। वही, ज्यादा जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि साल 2019 में 34 लाख श्रद्धालुओं ने चार धाम के दर्शन किए थे। लेकिन इस साल मात्र 1 महीने में ही 16 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। इसी क्रम में साल 2019 में बाबा केदारनाथ धाम में करीब 10 लाख लोग दर्शन करने पहुंचे थे।

तो वही, इस साल मात्र एक महीने में 5 लाख लोग दर्शन कर चुके हैं। पर्यटन विभाग की ओर से पहली बार यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग की ओर से टोल फ्री कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा है। कॉल सेंटर में अब तक 12500 से अधिक कॉल रिसीव हो चुके हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में फिजिकल रजिस्ट्रेशन काउंटर के साथ ही प्रदेश भर में कुल 18 फिजिकल पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं। यात्रा मार्गों पर निगरानी के लिए सर्विलेंस कैमरा लगाए गए हैं।

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