देशभर में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले को देखते हुए उत्तरप्रदेश रोडवेज में अंतरराज्यीय परिवहन को रोकने का फैसला किया है। ऐसे में अब उत्तरप्रदेश रोडवेज की बसें उत्तराखंड राज्य में दाखिल नहीं होंगी। हालांकि, उत्तराखंड राज्य समेत अन्य राज्यों में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए उत्तराखंड राज्य में भी लंबे समय से मांग उठ रही थी कि जब तक स्थितियां सामान्य नहीं होती है तब तक अंतरराज्यीय बस संचालन ना किया जाए। जिससे अन्य राज्यों से आवाजाही कम होगी इससे संक्रमण फैलने के खतरे पर थोड़ा असर जरूर पड़ेगा।
तो वही अब उत्तराखंड सरकार ने भी अंतरराज्यीय संचालन से संबंधित मंथन शुरू कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य सरकार अंतरराज्यीय संचालन को लेकर फैसला ले सकती है। मुख्य रूप से देखें तो अगर राज्य सरकार यह फैसला लेती है तो परिवहन निगम का वित्तीय नुकसान होना लाजमी है। क्योंकि पहले से ही परिवहन निगम वित्तीय कमी से जूझ रहा है। ऐसे में अगर राज्य सरकार अंतरराज्यीय संचालन को बंद कर देती है तो परिवहन निगम को और भी अधिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
आपको बता दें कि पिछले साल भी वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव को लेकर लॉकडाउन लागू किया गया था जिस दौरान रोडवेज की बसें 3 महीने तक खड़ी रही थी। हालांकि, जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई उसके बाद जून महीने से धीरे-धीरे रोडवेज बसों के संचालन को मंजूरी दी गई लेकिन यह बस सिर्फ उत्तराखंड राज्य के भीतर ही संचालित हो रही थी। इसके बाद फिर धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होती चली गई और फिर सितंबर-अक्टूबर महीने में राज्य सरकार ने रोडवेज बसों के अंतरराज्यीय परिवहन की स्वीकृति दी, लेकिन बसों की संख्या सीमित रखी गई।
पिछले साल जैसा माहौल कुछ इस समय भी बनता दिखाई दे रहा है। क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले ना सिर्फ प्रदेश में बल्कि देश भर में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में अब राज्य सरकार अंतरराज्यीय परिवहन को रोकने संबंधी विचार कर रही है। अंतरराज्यीय परिवहन संचालन बंद करने पर विचार करने की एक मुख्य वजह यह भी है कि अन्य राज्यो और शहरों से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को ना सिर्फ स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होता है बल्कि 72 घंटे पुरानी rt-pcr जांच की नेगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी अनिवार्य है। जिस वजह से रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है।
निगम की बसों में यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से पहले ही निगम को नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिस वजह से रोडवेज कर्मचारी पहले से ही इस बात की मांग कर रहे थे कि अंतरराज्यीय संचालन ना किया जाए। तो वहीं, अब जब उत्तरप्रदेश सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन संचालन को रोकने का फैसला ले लिया है जिसके बाद उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों ने की आवाज उठानी शुरू कर दी है।
हालांकि, इस बाबत जब रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि अभी वर्तमान समय में सीमित संख्या में ही अंतरराज्यीय बसों का संचालन किया जा रहा है। और यात्रियों की संख्या के आधार पर ही बस को दूसरे राज्य में भेजा जा रहा है। लेकिन अगर उत्तराखंड राज्य सरकार अंतरराज्यीय बस संचालन पर रोक लगाती है तो फिर परिवहन निगम अंतरराज्यीय बसों के संचालन को अग्रिम आदेशो तक पूरी तरह से बंद कर देगा।