कोरोना का कहर- कई जिलो में थमी विकास के पहिए की रफ्तार

चुनावी साल में विकास के इंजन को तेजी से दौड़ाने की कोशिश में जुटी प्रदेश सरकार के लिए यह चिंता की बात है कि पिछले दो महीनों में जिला योजना के बजट का कायदे से इस्तेमाल नहीं हो पाया। योजना का बजट आवंटन और इससे जुड़े प्रस्तावों को समय पर मंजूरी देने का दायित्व जिलाधिकारी और प्रभारी मंत्री को दिया गया है। लेकिन अधिकतर जिलों में जिला योजना के बजट खर्च की प्रगति बेहद निराश करने वाली है।

हरिद्वार, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में वित्तीय वर्ष के पहले दो महीनों में एक पाई तक खर्च नहीं हो सकी है। जबकि सरकार ने चुनावी साल को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही जिला योजना समितियों के तहत होने वाले विकास कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये की किस्त जारी की थी। आशा थी कि पहली तिमाही में बजट खर्च की रफ्तार तेज रहेगी।

वही, शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि वो नैनीताल जिले का प्रभारी है। उन्होंने वहां सभी प्रस्तावों को अनुमोदन दे दिया है। जहां तक दूसरे जिलों में जिला योजना की धनराशि के खर्च का सवाल है तो इस बारे में प्रगति रिपोर्ट मंगाई जाएगी। प्रयास रहेगा कि उपलब्ध बजट के सापेक्ष विकास योजनाओं पर तेजी से अमल हो।

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